
दिल्ली की साकेत अदालत ने महिला कर्मचारी के साथ यौन शोषण के आरोपी टेरी के पूर्व प्रमुख आरके पचौरी को बड़ी राहत मिली है. कोर्ट ने उन्हें सोमवार को विदेश घमूने के लिए एक महीने से अधिक समय तक की इजाजत दे दी. कोर्ट ने समन भेजकर 11 जुलाई को पचौरी से पेश होने को कहा था.
इससे पहले कोर्ट ने 13 जून को अपने एक आदेश में टेरी (द एनर्जी एंड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट) के पूर्व प्रमुख को राहत देते हुए कहा था कि अब वह जमानत राशि जमा करके विदेश जा सकेंगे.
1400 पन्नों का है आरोप पत्र
साकेत के मेट्रोपालिटन मजिस्ट्रेट शिवानी चौहान की अदालत ने तब कहा था कि पचौरी को ट्रैवल प्लान बदलने पर उन्हें दोबारा से अनुमति लेनी होगी. टेरी के पूर्व प्रमुख आरके पचौरी पर संस्थान की महिला कर्मी ने यौन शोषण का आरोप है. इस मामले में पुलिस ने पचौरी के खिलाफ इसी साल मार्च में 1400 पन्नों का आरोप पत्र दाखिल किया था. साकेत की अदालत ने आरोप पत्र को सही मानते हुए पचौरी के खिलाफ केस चलाने को हरी झंडी देकर उन्हें समन भेजा, जिसके तहत उन्हें 11 जुलाई को अदालत में पेश होना था.
2015 में महिला ने दर्ज करवाई शिकायत
महिला कर्मचारी ने 13 फरवरी 2015 को पुलिस के पास शिकायत दर्ज कराई थी. हालांकि पचौरी को इसी सिलसिले मे दिल्ली हाई कोर्ट से राहत मिली है. हाई कोर्ट ने टेरी की पूर्व महिला कर्मचारी की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उसने इंडस्टि्रयल ट्रिब्यूनल के समक्ष चल रही कार्रवाई पर रोक लगाने का आग्रह किया था.
ट्रिब्यूनल में आरके पचौरी ने अपील की थी कि टेरी की आंतरिक शिकायत कमिटी ने उसे अपना पक्ष रखने का मौका दिए बगैर दोषी ठहरा दिया. उन्हें सेमिनार और मीटिंगों में भाग लेने के लिए विदेश जाना पड़ता है. इस बार 5 जुलाई तक विदेश में होने वाले सेमिनार और मीटिंग में शिरकत करेंगे.