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सिग्नेचर ब्रिज के लिए दिल्ली का इंतज़ार अब जल्द ही खत्म होने वाला है. दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने दावा किया है कि ब्रिज का काम दो महीने में पूरा हो जाएगा. सिसोदिया के मुताबिक 31 अक्टूबर से सिग्नेचर ब्रिज दिल्लीवालों के लिए खोल दिया जाएगा.
ब्रिज का काम तकरीबन पूरा हो चुका है और अब पायलोन को फाइनल शेप दी जा रही है. सिग्नेचर ब्रिज के टॉप पर बने पायलोन की ऊंचाई 154 मीटर होगी. यानि कुतुब मीनार से दोगुना. पायलोन के चारों तरफ शीशे लगाए गए हैं और लिफ्ट के जरिए जब लोग यहां पर पहुंचेंगे तो उन्हें यहां से दिल्ली का नजारा देखने को मिलेगा.
मीटर लंबा और 35.2 मीटर चौड़ा सिग्नेचर ब्रिज यमुना वज़ीराबाद पुल पर लगने वाले भयंकर जाम से निजात दिलाएगा. वज़ीराबाद, तिमारपुर, मुखर्जी नगर और बुराड़ी से गाजियाबाद जाने वालों को इससे बड़ी राहत मिलने वाली है. इस सफर में लगने वाला आधा घंटे का समय कम हो जाएगा.
सिग्नेचर ब्रिज प्रोजेक्ट को 2007 में दिल्ली कैबिनेट ने मंजूरी दी थी. 2010 के कॉमनवेल्थ से पहले सिग्नेचर ब्रिज का काम पूरा होना था, लेकिन डेडलाइन 2013 तक बढ़ा दी गई. समय बीत गया लेकिन काम पूरा नहीं हुआ. लिहाज़ा डेडलाइन जून 2016 तक बढ़ाई गई. इसके बाद जुलाई 2017 तक बढ़ाई गई डेडलाइन भी पूरी नहीं हो पाई.
केजरीवाल सरकार ने नई डेडलाइन मार्च 2018 निर्धारित की जिसे पहले अप्रैल तक खिसकाया गया और फिर अक्टूबर तक. वक्त के साथ प्रोजेक्ट की कॉस्ट भी बढ़ती गई. शुरूआत में सिग्नेचर ब्रिज के निर्माण में 887 करोड़ की लागत का अनुमान था जो 1,575 करोड़ पर जा पहुंचा है.
प्रोजेक्ट में देरी का मसला हाईकोर्ट तक जा पहुंचा है. शुक्रवार को पीडब्ल्यूडी ने कोर्ट को भी भरोसा दिलाया कि अक्टूबर में सिग्नेचर ब्रिज जनता को समर्पित कर दिया जाएगा. दिल्ली सरकार को उम्मीद है कि सिग्नेचर ब्रिज भारत का सबसे अहम टूरिस्ट डेस्टिनेशन बनेगा.