
राजधानी दिल्ली पिछले कुछ दिनों से धुंध से लड़ रही है. सांस लेने को तरस रही है. एनजीटी और दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार, एमसीडी और पंजाब-हरियाणा को भी फटकार लगाई है. जिसके बाद दिल्ली सरकार ने 5 दिनों के लिए ऑड इवन लागू करने का फैसला किया है. लेकिन क्या सिर्फ ऑड इवन से ही दिल्ली ये प्रदूषण की जंग जीत पाएगी. या कुछ और भी सख्त कदम उठाने की जरूरत है.
1. क्या राजधानी है एनवायरनमेंट फ्रेंडली?
विकास के नाम पर शहर में रोजाना लगातार बिल्डिंगें बन रही हैं. लेकिन क्या दिल्ली में उसी प्रकार के साथ ही एनवायरनमेंट फ्रेंडली बनाने पर काम हो रहा है. अगर प्रदूषण से लड़ना है तो शहर को ग्रीन बनाना होगा, पेड़-पौधों को बढ़ावा देना होगा. ताकि ऊंची इमारतों से घिरे इस शहर में हवा की स्थिति में बदलाव आए. और लोग सांस ले पाएं. इसके साथ ही औद्योगिक नीति पर भी बल देने की जरूरत है, क्योंकि अगर राजधानी में ही जगह-जगह कारखानों से धुआं निकलेगा तो सांस लेना दूभर ही होगा.
2. निर्माण कार्य के लिए हो नियम
लगातार हो रहे निर्माण कार्य और उससे फैल रहे प्रदूषण के लिए एनजीटी ने भी सरकार को फटकार लगाई है. दिल्ली में सभी प्रकार के निर्माण कार्यों पर रोक लगा दी गई है. लेकिन ये रोक कुछ ही दिन के लिए है, सरकार को अगर कोई ठोस उपाय निकालना है. तो राजधानी में निर्माण कार्यों के लिए कोई नियमावली बनाने की जरूरत है. क्योंकि दिल्ली में ना सिर्फ सरकारी कामकाज हो रहा है बल्कि रोजाना निजी निर्माण कार्य भी हो रहा है जिससे प्रदूषण पर दोहरी मार पड़ती है.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का कहना है कि दिल्ली में जो प्रदूषण है वो सिर्फ स्थानीय कारणों के कारण नहीं है. गौरतलब है कि दिल्ली से सटे यूपी, हरियाणा और पंजाब में इन दिनों किसान पराली जलाते हैं जिसका धुआं चारों ओर फैलता है. इसका कुछ असर दिल्ली पर भी पड़ता है. इसलिए दिल्ली को अपने पड़ोसी राज्यों के साथ मिलकर प्रदूषण पर काबू पाने के लिए कुछ ठोस प्लान बनाना होगा. हालांकि, ये कहना भी गलत होगा कि सिर्फ पड़ोसी राज्यों और पराली जलाने के कारण ही दिल्ली में प्रदूषण हो रहा है.
4. पब्लिक ट्रांसपोर्ट
दिल्ली देश की राजधानी है. यहां लाखों लोग रोजाना सफर करते हैं, लाखों लोग अपनी गाड़ियों, दुपहिया वाहनों से चलते हैं. सरकार को पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बेहतर बनाना होगा, ताकि अगर कोई अपने निजी वाहनों को त्याग कर दिल्ली में सफर करना चाहे तो उसे परेशानी ना हो. डीजल बस के अलावा सरकार को इलेक्ट्रिक बसों पर भी फोकस बढ़ाना होगा. इसके अलावा शहर में साइकिल ट्रैक की भी व्यवस्था हो ताकि लोगों को साइकिल के लिए बढ़ावा मिल सके. शहर में मेट्रो तो है लेकिन बढ़ता किराया देखकर लोग अब उसमें भी सफर करने से घबराते नज़र आते हैं.
राजधानी होने के कारण दिल्ली में दुनिया की नजरों में हमेशा बनी रहती है. लेकिन जगह-जगह लगा कूड़े का ढेर ना सिर्फ गंदगी फैलाते हैं बल्कि माहौल को प्रदूषित करते हैं. दिल्ली में कई लैंडफिल साइट्स भी हैं जहां कूड़े के ढेर लगे रहते हैं. दिल्ली के स्थानीय लोग भी कहीं भी कुछ भी जला देते हैं जिससे धुआं होता है. राज्य सरकार-एमसीडी-केंद्र को मिलकर दिल्ली को स्वच्छ रखने के लिए ठोस कदम उठाना होगा. राजधानी के लिए एक सख्त वेस्टेज मैनेजमेंट की जरूरत है ताकि माहौल दूषित ना हो.