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अगर आप दिल्ली और चंडीगढ़ के बीच ट्रेन से सफर करते हैं तो अभी 4 से 6 घंटे तक का समय लग जाता है. लेकिन आने वाले दिनों में हो सकता है कि आप सिर्फ डेढ़ घंटे के अंदर यह फासला तय कर लें. ये मुमकिन होगा सेमी हाई स्पीड ट्रेनों के जरिए, जिनकी रफ्तार होगी 160 किलोमीटर से 200 किलोमीटर के बीच. ये ट्रेन सामान्य सुपर फास्ट ट्रेन के मुकाबले बहुत तेज लेकिन बुलेट ट्रेन की 300 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से धीमी होंगी.इनके प्रस्ताव पर रेल मंत्रालय ने काम शुरू कर दिया है.
इन रूट्स पर चलेंगी सेमी हाई स्पीड ट्रेन
प्रस्ताव के मुताबिक सबसे पहले देश के चुनिंदा प्रमुख शहरों को राजधानी से कनेक्ट करने वाले रूट्स पर शताब्दी ट्रेनों की स्पीड बढ़ाई जाएगी.इसके लिए हाई स्पीड रेलवे कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया का गठन किया है. इस योजना के बारे में बात करते हुए रेल मंत्री मल्लिकार्जुन खड़गे बोले कि सेमी हाई-स्पीड ट्रेन कम लागत में ज्यादा सुविधाएं दे सकेंगी, क्योंकि इसके लिए रेलवे को न तो अलग कॉरिडोर बनाने की जरूरत होगी और न ही अलग लाइन बिछानी पड़ेगी, जबकि बुलेट ट्रेन के लिए न सिर्फ विशेष ट्रैक की जरूरत है, बल्कि उस पर खर्च भी ज्यादा आता है.
सेमी हाई-स्पीड सेवा की शुरुआत एक या दो ट्रेनों के साथ होगी.उसके बाद शताब्दी, दुरंतो और राजधानी जैसी ट्रेनों की संख्या बढ़ाई जाएगी. फिलहाल शताब्दी, दुरंतो और राजधानी जैसी ट्रेनों की अधिकतम गति 130 से 150 किलोमीटर प्रतिघंटा के बीच है. गति बढ़ने के बाद मुंबई या चंडीगढ़ से दिल्ली तक की यात्रा का समय एक से तीन घंटे तक कम हो जाएगा.
रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष अरुनेन्द्र कुमार ने इस सुविधा के बारे में कहा, 'हालांकि अभी इस ट्रेन में सफर करने के लिये आपको कितना इंतजार करना होगा. ये तय नहीं है, लेकिन मुमकिन है कि आर्थिक संकट से जूझ रही रेलवे कम लागत की इस योजना को जल्द हकीकत में बदलने की कोशिश करेगी.