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इस दौर में पांच पैसे आपको ढूंढे नहीं मिलेंगे. पांच पैसे में कुछ पाने की उम्मीद करेंगे तो कोई आपको सनकी कहेगा लेकिन दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) अपने पूर्व कंडक्टर रणवीर सिंह यादव से इसी 5 पैसे की जंग लड़ रही है.
डीटीसी का आरोप है कि 1973 में रणवीर ने एक महिला को 10 पैसे का टिकट दिया जबकि उसे 15 पैसे का टिकट देना चाहिए था. डीटीसी को दर्द है कि उसे पांच पैसे का घाटा हो गया. उसने रणवीर को बर्खास्त कर दिया था और तब से डीटीसी के कर्मचारी रणवीर की डीटीसी के साथ शुरू हुई कानूनी जंग आज की तारीख तक जारी है.
रणवीर सिंह यादव
तारीख पर तारीख का ये खेल न्याय व्यवस्था पर भी सवाल खड़े ही करता है. इस जंग में डीटीसी पीछे हटने को तैयार नहीं. पांच पैसे के मुकदमे पर वह लाखों खर्च कर चुकी है.