
दिल्ली में पिछले दो दिनों के अंदर ही दिल्ली पुलिस की वर्दी पर दो दाग लगे हैं. दो दिन के अंदर ही पुलिस के दो आला अफसरों को गिरफ्तार किया गया है. हालांकि दोनों ही मामले बिल्कुल अलग-अलग हैं लेकिन दिल्ली पुलिस की साख पर बट्टा लगाने के लिए काफी हैं.
महिला की खुदकुशी के मामले में SHO गिरफ्तार
दिल्ली के विजय विहार थाने के एसएचओ दिनेश कुमार एक युवती की आत्महत्या के मामले में न केवल गिरफ्तार हुए बल्कि गंभीर आरोपों के चलते उन्हें बरखार्स्त भी कर दिया गया है. दिनेश सिंह पर आरोप लगा कि उन्होंने न केवल युवती को आत्महत्या के लिए उकसाया बल्कि एक बदमाश की पत्नी से पिछले 6 महीने में करीब 240 से ज्यादा बार फोन पर बात की और वो भी देर रात तक. हालाकि उनके वकील इसे सरासर गलत बता रहे है.
क्या है पूरा मामला?
महिला ने खुदकुशी करने से पहले अपने सुसाइड नोट में एसएचओ पर उत्पीड़न का आरोप लगाया था. दिल्ली के विजय विहार इलाके में एक अपराधी की करीबी माने जाने वाली इस महिला ने 30 हजारी कोर्ट परिसर के बाहर आत्महत्या कर ली. उसने आरोप लगाया कि एसएचओ उसे बुलाकर मारपीट करता था और वो इससे परेशान थी. मृतक महिला अपराधी राम निवास की करीबी थी और ये दोस्ती राम निवास की पत्नी को नागवार गुजरी. राम निवास की पत्नी ने दोनों के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. एसएचओ इसी केस की जांच के बहाने महिला को देर रात फोन करने लगे और उसे पूछताछ के लिए कई बार पुलिस स्टेशन भी बुलाया था.
रिश्वत लेते इंस्पेक्टर केहर सिंह
ये मामला ठंडा भी नहीं हुआ था कि सीबीआई ने दिल्ली पुलिस के एक और इंस्पेक्टर केहर सिंह को 3 लाख रुपये की रिश्वत लेते रंगे हांथो जनकपुरी पुलिस स्टेशन के अंदर ही गिरफ्तार कर लिया. इस मामले में सीबीआई ने ए.के. सिंह नाम के एक और शख्स को भी गिरफ्तार किया है. दरअसल सीबीआई को जानकारी मिली थी कि ए.के. सिंह नाम का शख्स जनकपुरी थाने में खुद पर चल रहे एक करोड़ रुपये के चीटिंग के एक केस में केहर सिंह से मामले के निपटारे के लिए जुगत लगा रहा था. सीबीआई ने दोनों को जनकपुरी स्टेशन में रुपयों का लेनदेन करते रंगें हाथों पकड़ लिया.
कौन है ए.के. सिंह?
आशुतोष सिंह पर फर्जी आईएएस ऑफिसर बनकर किसी से लाखों रुपए ठगने का मामला जनकपुरी थाने में दर्ज है. ए.के. सिंह उर्फ आशुषोश टेक्सटाइल मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले हेंडीकाफ्ट हैंडलूम एक्सपोर्ट कॉउसिंल का डिप्टी जनरल मैनेजर था. लेकिन खुद को इस मंत्रायल का जॉइंट सेक्ट्ररी बताता था. इसके पास से सीबीआई को फर्जी आईकार्ड भी मिले हैं. ए.के. सिंह के रुतबे का अंदाजा उसकी काली कमाई से लगाया सकता है. मुबई में उसके पास 4 फ्लैट और एक आलिशान बंगला है. उसके पास नोएडा में भी एक फ्लैट है और वो दो मर्सिर्डीज कारों का मालिक है.
दूसरे ठिकानों से 40 लाख बरामद
फिलहाल सीबीआई इंस्पेकटर केहर सिंह और ए.के. सिंह से पूछताछ कर रही है. सीबीआई ए.के. सिंह की पुरानी हिस्ट्री का पता लगाने में जुटी है ताकि इस मामले की तह तक पहुंचा जा सके. सीबीआई ने आशुतोष सिंह के दूसरे ठिकानों पर भी दबिश दी है और 40 लाख रुपए बरामद किए हैं.