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वो एक सीरियल रेपिस्ट है ये तो पहले ही पता चल चुका था. लेकिन वो सीरियल रेपिस्ट होने के साथ-साथ साइको रेपिस्ट भी है, ये अब पता चला है. ऐसा कोई और नहीं बल्कि मामले की जांच कर रही पुलिस का कहना है. शायद आपको यकीन नहीं होगा, लेकिन ये सच है कि कैब रेप कांड जैसी वारदात को अंजाम देने वाले शख्स को अब भी अपने किए पर कोई पछतावा नहीं है. बल्कि वो तो ये कह रहा है कि लड़कियां उस पर मरती हैं, क्योंकि वो कामदेव है.
जिस शख्स की एक हरकत ने पूरे देश को हिला दिया. जिसकी एक करतूत ने राजधानी में महिलाओं की हिफाजत पर नए सिरे से बहस की शुरुआत कर दी. जिसकी करनी पर सड़क से लेकर संसद तक लोगों का गुस्सा फूटता रहा. जिसके चलते कैब कंपनियों की शामत आ गई. जिसकी वजह से दिल्ली पुलिस के कमिश्नर गृह मंत्रालय में तलब कर लिए गए और जिसके किए पर खुद देश के गृह मंत्री को संसद के दोनों सदनों में बयान देना पड़ गया. वही शख्स अब जब बोल रहा है, तो सुन कर पुलिस भी हैरान हो रही है. क्योंकि उसे अब भी ना तो अपने किए पर कोई अफसोस है और ना इस बात का एहसास कि जो कुछ उसने किया, वो कितना गलत था.
दिल्ली पुलिस की मानें तो तीन दिन के पूछताछ में उसने अपनी कैब में सवार होने वाली लड़की के साथ बलात्कार करने की बात तो कुबूल कर ली. लेकिन साथ ही इस बात की हैरानी भी जताई कि आखिर उस रात के बाद लड़की ने पुलिस में रिपोर्ट कैसे लिखवा दी? सूत्रों की मानें तो पूछताछ में यादव ने कहा कि आज तक किसी भी लड़की ने उसे रिश्ते के लिए कभी ना नहीं कहा, क्योंकि वो बेहद स्मार्ट, हैंडसम और गुडलुकिंग है. उसने यहां तक कहा कि वो जिस लड़की के भी करीब आने की कोशिश करता है, वो खुद को खुशकिस्मत मानती है. क्योंकि वो तो जीता-जागता कामदेव है.
जिस शख्स के सिर पर एक नहीं, बल्कि सीरियल रेपिस्ट होने की तोहमत चस्पां हो चुकी हो, उसकी इन बातों को सुनकर कुछ देर के लिए पुलिस भी हक्की-बक्की रह गई. उससे पूछताछ कर रहे अफसरों को अब ये समझ में नहीं आ रहा है कि यादव की ये डींगे दरअसल उसके दिमाग खराब हो जाने की निशानी है या फिर ऐसी बातें कर वो खुद को एक सायको यानी पागल साबित कर पुलिस को उलझाने की कोशिश कर रहा है. हालांकि अब तक हुई पूछताछ पर जाएं तो पुलिस भी उसे अब सीरियल रेपिस्ट के साथ-साथ एक सायको केस मान कर चल रही है. लेकिन उसे जेहनी तौर पर बीमार करार देने से पहले अभी पुलिस को भी कई एक्सपर्ट्स की राय लेने की दरकार है.
पूछताछ में सामने आई बातों पर जाएं तो यादव ने लड़की को अपने पास 15-20 कैब होने की बात भी कही थी और कहा था कि ये सारी टैक्सियां उबर कैब के साथ चलती हैं. और वो अच्छे-खासे रुपये कमाता है. पुलिस सूत्रों की मानें तो चेहरे और बॉडी लैंग्वेज की बात छोड़िए, शिव कुमार यादव ने लड़की के साथ ज्यादती किए जाने के किसी तरह का अफसोस ना होने की दो टूक बात भी कही है.
कहते तो हैं कानून के हाथ बहुत लंबे होते हैं, लेकिन शिव कुमार यादव हर बार इन लंबे हाथों से बच निकलता रहा. वो तो अब उसके जुर्मों का बही-खाता खुल रहा है तो सच पता चल रहा है. और सच ये है कि शिव कुमार यादव जिस तरह से हर बार जुर्म कर बचता रहा, उसी से उसका हौसला बढ़ता गया. और कानून का डर उसके दिल से जाता रहा. और देखते ही देखते वो एक सीरियल रेपिस्ट बन गया. लेकिन अब पुलिस उसके गुनाहों पर फुलस्टॉप लगाना चाहती है. इसीलिए इस बार मथुरा से लेकर दिल्ली और दिल्ली से लेकर न्यूजर्सी तक से उसके खिलाफ सुबूत इकट्ठा किए जा रहे हैं.
दिल्ली कैब रेप कांड के मुल्जिम शिव कुमार यादव से हुई तीन दिनों की पूछताछ और तफ्तीश के बाद अब उसके खिलाफ़ इतने सुबूत इकट्ठा हो चुके हैं कि वर्दीवालों को यकीन है कि इस बार ये सायको रेपिस्ट इतनी आसानी से सलाखों से बाहर नहीं आ सकेगा. शिव कुमार यादव को लंबे वक्त तक बड़े घर में बंद करने के लिए पुलिस ने ना सिर्फ कई अहम फॉरेंसिक एविडेंस इकट्ठा किए हैं, बल्कि अमेरिका के न्यू जर्सी में रहनेवाली उस लड़की से भी बात की है, जिसके साथ इससे पहले शिव कुमार यादव ने बदसुलूकी की थी. पुलिस की मानें तो तब इस लड़की ने उबर कैब कंपनी से यादव की शिकायत की थी. लेकिन इसके बावजूद कंपनी ने इस शिकायत पर कोई खास तवज्जो नहीं दी.
रविवार शाम को मथुरा में करीब पौने किलोमीटर तक दौड़ कर पीछा करने के बाद यादव को गिरफ्तार करनेवाली दिल्ली पुलिस उसे रात को ही लेकर दिल्ली आ पहुंची थी. इसके बाद सोमवार को उसे तीस हजारी कोर्ट में पेश करने के बाद पुलिस ने तीन दिनों की रिमांड पर लिया. पुलिस को गिरफ्तारी के वक्त ही वारदात में इस्तेमाल की गई कैब यानी स्विफ्ट डियाजर कार तो हाथ लग गई थी. लेकिन वारदात के वक्त पहने गए मुल्जिम के कपड़े और मोबाइल फोन सरीखे कई चीजें अभी बरामद करनी बाकी थीं. लिहाजा, यादव को हिरासत में लेकर जैसे ही पुलिस अपने पर आई यादव वारदात की तमाम कड़ियों को खुद ब खुद जोड़ता चला गया.
इसके बाद पुलिस ने उसके कपड़ों के साथ-साथ वो मोबाइल फोन भी बरामद कर लिया, शिव कुमार यादव जिसे हमेशा अपने पास रखता था. दरअसल, उबर के एप समेत आईफोन उबर कंपनी की ओर से यादव को दिया गया था. शुक्रवार-शनिवार की रात को वारदात को अंजाम देने के बाद शिव कुमार ने अपना ये आई-फोन स्वीच्ड ऑफ कर लिया था, ताकि पुलिस को धोखा दे सके. पहले तो वो इस कोशिश में वो काफी हद तक कामयाब भी रहा, लेकिन जल्द ही पुलिस को उसके दो और मोबाइल फोन का पता चल गया. और इसके बाद टेक्नीकल सर्विलांस के साथ-साथ इंजेलिजेंस इनपुट की बदौलत वो दबोच लिया गया.
तफ्तीश के दौरान ना सिर्फ यादव के कई पुराने गुनाहों का कच्चा-चिट्ठा सामने आ गया. बल्कि ये भी साफ हुआ कि उसने दो ड्राइविंग लाइसेंस बनवा रखे थे. हालांकि बाद में पुलिस को पता चला कि इनमें से एक लाइंसेस फर्ज़ी है. लिहाज़ा, अब पुलिस ने यादव के खिलाफ रेप के साथ-साथ फर्जीवाड़े के मुकदमे की भी तफ्तीश शुरू कर दी है. ये बात भी साफ हुई कि शिव कुमार यादव ने दिल्ली पुलिस का एक फर्जी कैरेक्टर सर्टिफिकेट भी हासिल किया था. पुलिस को शक है कि इस फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर ही उसने ड्राइविंग लाइसेंस बनवाया होगा. ऐसे में पुलिस यादव के साथ-साथ उस ट्रांसपोर्ट ऑथोरिटी के अधिकारियों के रोल को भी समझने की कोशिश कर रही है. पुलिस का दावा है कि उसकी कैब और कपड़ों से भी कई ऐसे सुबूत मिले हैं, जो यादव की ताबूत में कील का काम करेंगे.
इस बीच शिव कुमार यादव को तीन दिनों के रिमांड के बाद गुरुवार को कोर्ट में पेश किया गया और वहां से 24 दिसंबर तक के लिए उसे जेल भेज दिया गया. हालांकि इस मामले में भड़के लोगों के गुस्से और 16 दिसंबर के मामले के मुल्जिमों के साथ हुई पिटाई के मामलों को देखते हुए जेल में उसके लिए अलग से सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं. गुरुवार को पुलिस ने अदालत को ये भी बताया कि उसने किस तरह फर्जीवाड़े से दो लाइंसेस हासिल किए. इस पर अदालत ने उसके साथ-साथ ट्रांसपोर्ट ऑथोरिटी के खिलाफ भी कार्रवाई की बात कही. जाहिर है, अब पुलिस इस मामले में जल्द से जल्द चार्जशीट भी दाखिल करना चाहती है. ताकि शिव कुमार को उसके अंजाम तक पहुंचाया जा सके.
पांच बलात्कार, छेड़छाड़, गुंडा एक्ट, आर्म्स एक्ट और ना जाने क्या-क्या. दिल्ली के कैब ड्राइवर शिव कुमार यादव के गुनाहों की फेहरिस्त बेहद लंबी है. कुछ इतनी लंबी कि अब दिल्ली से लेकर मैनपुरी और मैनपुरी से लेकर अमेरिका तक उसके सताए हुए लोगों की एक लंबी लिस्ट है. लेकिन कमाल हमारे सिस्टम का भी कम नहीं कि इतना कुछ होने के बावजूद वो हर बार एक नई वारदात को अंजाम देने के लिए बाहर आ जाता था.
शिव कुमार यादव की ये पहचान बेशक अब जमाने के सामने आई हो, लेकिन हकीकत यही है कि अपने होश संभालने से लेकर अब तक वो लगातार एक के बाद एक गुनाहों को अंजाम देता रहा है. और ये शायद उसकी जेहनियत ही है कि उसके गुनाहों की फेहरिस्त में लड़कियों और महिलाओं की अस्मत पर हाथ डालने के गुनाह सबसे ज़्यादा हैं.
अपनी कैब में एक लड़की को पिक करने के बाद किए गए रेप करने की इस वारदात को मिला लिया जाए, तो अब तक मोटे तौर पर उसके खिलाफ बलात्कार के पांच और छेड़छाड़ के एक मामले का पता चला है. जबकि खुद उसके गांव के लोग बताते हैं कि उसने अपने ही गांव में इतनी लड़कियों और महिलाओं की आबरू पर हाथ डाला है कि उसका कोई हिसाब ही नहीं है. जाहिर है, गांव के लोग, पुलिस और खुद शिव कुमार यादव के घरवालों की मानें वो एक सीरियल रेपिस्ट है.