
दिल्ली के रामजस कॉलेज में छात्रों के बीच हिंसा का मसला अब भी गरमाया हुआ है. एक ओर जहां सरकार ने दोषियों के खिलाफ कार्रवाई का भरोसा दिलाया है, वहीं छात्रों और अध्यापकों के संगठनों के बीच सियासत चल निकली है.
हिंसा का असर
रामजस कॉलेज में हिंसा के बाद हालात पर चर्चा के लिए शनिवार को स्टाफ काउंसिल मीटिंग होगी. गुरुवार को इसी हिंसा के चलते श्री गुरु तेग बहादुर खालसा कॉलेज में नुक्कड़ नाटक का मुकाबला टाल दिया गया था. एबीवीपी की अगुवाई वाले दिल्ली छात्र संघ ने प्राचार्य अमित तंवर को बताया था कि अगर मुकाबले में कुछ भी आपत्तिजनक और राष्ट्र-विरोधी टिप्पणी होती है तो वो सुरक्षा की गारंटी नहीं दी जा सकती.
सरकार ने मांगी रिपोर्ट
इस बीच, केंद्र सरकार ने हिंसा पर दिल्ली यूनिवर्सिटी से रिपोर्ट मांगी है. गुरुवार को केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि वो यूनिवर्सिटी के मामलों में दखल नहीं दे सकते और इस मामले में उनके मंत्रालय ने कोई मदद नहीं मांगी गई है. केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरन रिजिजू ने साफ किया था कि अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर देश विरोधी नारों की इजाजत नहीं दी जा सकती और शिक्षण संस्थानों को राष्ट्रद्रोह का अड्डा बनने नहीं दिया जा सकता.
3 पुलिसवाले सस्पेंड
दिल्ली पुलिस ने मामले में 3 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया है. हिंसा की जांच क्राइम ब्रांच को सौंप दी गई है. स्पेशल कमिश्नर एस बी के सिंह के मुताबिक घटना से जुड़े वीडियो की जांच की जा रही है. उन्होंने कहा कि इस मामले में एक और एफआईआर दर्ज करना मुमकिन नहीं है. छात्र संगठन इस एफआईआर की मांग को लेकर अदालत जा सकते हैं.
बुधवार को रामजस कॉलेज के कैंपस में AISA और एबीवीपी से जुड़े छात्रों के बीच हिंसक झड़प हो गई थी. एबीवीपी कार्यकर्ता कैंपस में प्रतिरोध की संस्कृति पर आयोजित सेमिनार का विरोध कर रहे थे. जेएनयू छात्र उमर खालिद और शहला रशीद इस सेमिनार में बोलने वाले थे.