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दिल्ली हिंसा पर विधानसभा में बोले सीएम केजरीवाल- दंगे फसाद नहीं चाहिए

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पिछले 2-3 दिनों में हम जो कर सकते थे किया. जहां-जहां पुलिस की मदद मिली, लोगों को निकाला. घायलों के साथ-साथ हम डीसीपी अमित शर्मा के परिवार से भी मिले.

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल (फोटो-ANI) दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल (फोटो-ANI)
पंकज जैन
  • नई दिल्ली,
  • 26 फरवरी 2020,
  • अपडेटेड 11:30 PM IST

  • केजरीवाल बोले- दिल्ली को दंगे फसाद नहीं चाहिए
  • रतन लाल की शहादत व्यर्थ नहीं जाएगीः केजरीवाल

दिल्ली विधानसभा में बुधवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि तीन दिन में दिल्ली के बारे में दो तरह की तस्वीर सामने आई हैं. एक खबर दिल्ली के बच्चों, सरकारी स्कूलों के बारे में थी, जहां अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की पत्नी पहुंचीं. उन्होंने कहा कि 70 साल में पहली बार हुआ जब अमेरिकी राष्ट्रपति की पत्नी हैप्पीनेस क्लास एटेंड करने आईं. यह देश के लिए गौरव की बात है.

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दूसरी खबर छपी कि जब ट्रंप यहां थे तो दिल्ली जल रही थी. हमें चुनना है कि कौन सी तस्वीर मंजूर है. रतन लाल क्यों शहीद हुए, वे किसी हिंदू या मुस्लिम को बचाने के लिए नहीं मुल्क को बचाने के लिए शहीद हुए. दिल्ली सरकार और सदन की तरफ से उनके परिवार को आश्वासन दिया कि शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी. उनके परिवार की जिम्मेदारी हमारी है.

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार शायद एक करोड़ की सम्मान राशि दे रही है, लेकिन दिल्ली सरकार अपनी नीति के मुताबिक, सम्मान राशि और परिवार के एक सदस्य को नौकरी देगी. केजरीवाल ने कहा, 'कौन करवा रहा है ये सब, दिल्लीवाले बहुत अच्छे हैं, भाईचारे से रहते हैं, हिंदू-मुस्लिम-सिख-ईसाई सब सुकून से जीते हैं, दंगे फसाद नहीं चाहिए.'

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हिंदू-मुसलमान दोनों की मौत हुई

केजरीवाल ने कहा कि पिछले 2-3 दिनों में हम जो कर सकते थे किया. जहां-जहां पुलिस की मदद मिली, लोगों को निकाला. हम घायलों के साथ-साथ डीसीपी अमित शर्मा के परिवार से भी मिले. केजरीवाल ने कहा कि पुलिसवालों ने काफी कोशिश की, लेकिन माहौल ऐसा था कि हालात बिगड़े. कुछ पुलिसवालों के वीडियो भी सामने आए, लेकिन एक मछली पूरे तालाब को गंदा कर देती है.

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विधायक और कार्यकर्ताओं की कोशिश से दंगे रुके

केजरीवाल ने कहा कि कई विधायक और कार्यकर्ताओं की कोशिश से दंगे रुके. हमने कई अस्पतालों के दौरे किए. गृह मंत्री से मिले, जो हो सकता था किया. दो विकल्प हैं- एक कि सभी एकसाथ खड़े हो जाएं और दूसरा विकल्प कि एक दूसरे को मारकर लाशें गिने. केजरीवाल ने कहा कि अगर जरूरत हो तो आर्मी को बुलाई जाए, कर्फ्यू की जरूरत हो तो लगे, हमारी तरफ से कोई कमी नहीं होगी.

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