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Delhi Violence: सरकार बोली- हेट स्पीच पर अभी एक्शन का माहौल नहीं, 13 अप्रैल को अगली सुनवाई

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि हमारे पास इन तीन हेट स्पीच के अलावा कई और हेट स्पीच है, जिसको लेकर शिकायत दर्ज कराई गई. हम हिंसा को नियंत्रित करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं.

भड़काऊ भाषण मामले में दिल्ली हाई कोर्ट में सुनवाई शुरू भड़काऊ भाषण मामले में दिल्ली हाई कोर्ट में सुनवाई शुरू
पूनम शर्मा/संजय शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 27 फरवरी 2020,
  • अपडेटेड 4:32 PM IST

  • जवाब दाखिल करने के लिए पुलिस ने मांगा समय
  • केंद्र के वकील बोले- हम हिंसा रोक कर रहे हैं

दिल्ली हिंसा मामले में दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई शुरू हो गई है. दिल्ली पुलिस ने कोर्ट में अपना जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा है. इस पर हाई कोर्ट ने 13 अप्रैल तक का समय दे दिया है. तब तक केंद्र सरकार को भड़काऊ भाषण पर रिपोर्ट सौंपनी होगी. अब मामले की अगली सुनवाई 13 अप्रैल को होगी. इसके साथ ही हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार यानी गृह मंत्रालय को दिल्ली हिंसा मामले में पक्षकार बनाए जाने की दलील को मंजूरी दी.

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केंद्र और दिल्ली पुलिस के वकील सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि कल कोर्ट ने आदेश जारी कर जवाब मांगा था कि जो भड़काऊ बयान दिए गए थे उनपर करवाई की जाए, जबकि ये बयान 1-2 महीने पहले दी गई. याचिकाकर्ता केवल तीन भड़काऊ बयानों को चुनकर कार्रवाई की मांग नहीं कर सकता.

हिंसा रोकने की कोशिश कर रहे हैं

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि हमारे पास इन तीन हेट स्पीच के अलावा कई और हेट स्पीच है, जिसको लेकर शिकायत दर्ज कराई गई. याचिकाकर्ता ने चुनिंदा सिर्फ तीन वीडियो का हवाला दिया है. एक जनहित याचिका में ऐसा नहीं होता. केंद्र को पक्षकार बनाया जाए या नहीं ये कोर्ट को तय करना है, याचिकाकर्ता को नहीं. हम हिंसा को नियंत्रित करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं.

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सभी के खिलाफ एफआईआर दर्ज हों

केंद्र की इस दलील पर याचिकाकर्ता की ओर से बोले वकील कोलिन गोंजाल्विश ने कहा कि सबसे पहले आज ही सभी के खिलाफ एफआईआर दर्ज हों, फिर फटाफट गिरफ्तारी भी हो.

हमारे पास कई और क्लिप्स

तुषार मेहता ने कहा कि मौजूदा माहौल इस बात के लिए उपयुक्त नहीं है कि हम चुनिंदा तरीके से उन्हीं तीन वीडियो ( बीजेपी नेताओं कपिल मिश्रा, अनुराग ठाकुर और प्रवेश वर्मा की स्पीच) को देखे. हमारे पास और भी ऑडियो और वीडियो क्लिप्स है. अथॉरिटी वीडियो को देख रही है. इसके बाद सही वक्त पर पुलिस कार्रवाई करेगी. फिलहाल सभी हितधारक हालात को काबू करने की कोशिश कर रहे हैं.

पुलिस ने अब तक 48 FIR दर्ज किए

इस पर चीफ जस्टिस डीएन पटेल ने पूछा कि 11 एफआईआर दर्ज की गई हैं ? जवाब देते हुए सॉलीसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि कल तक हमने 11 और आज 37 एफआईआर दर्ज किया. कुल 48 एफआईआर दर्ज किए गए है. याचिकाकर्ता इस पर एफआईआर चाहता है कि कपिल मिश्रा ने ऐसा किया या वारिस पठान ने ऐसा किया. मौत या आगजनी या लूटपाट होने पर हमें एफआईआर दर्ज करनी होती है. अन्य मुद्दों में समय लगता है.

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तुषार मेहता रख रहे हैं दिल्ली पुलिस का पक्ष

इस सुनवाई से पहले दिल्ली के उपराज्यपाल ने एक अहम आदेश जारी किया. दिल्ली पुलिस का पक्ष सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता, एडिशनल सॉलिसिटर जनरल मनिंदर आचार्य और वरिष्ठ वकील रजत नैय्यर रखेंगे. कल बुधवार को दिल्ली हाईकोर्ट में दिल्ली सरकार के वकील राहुल मेहरा ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की पेशी पर सवाल उठाते हुए कहा था कि चूंकि अभियोजन दिल्ली सरकार के पास है, इसलिए दिल्ली पुलिस की तरफ से बहस सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता नहीं कर सकते है.

पुलिस को लगाई गई थी फटकार

इससे पहले नॉर्थ ईस्ट दिल्ली में हुई हिंसा पर बुधवार को दिल्ली हाई कोर्ट में अहम सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान हिंसा पर काबू पाने में नाकाम रही पुलिस को कोर्ट ने जमकर फटकार लगाई. कोर्ट ने पुलिस को नोटिस जारी कर गुरुवार को सवा दो बजे कोर्ट में जवाब दाखिल करने को कहा. कोर्ट ने पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक को भी भड़काऊ भाषण के वीडियो देखने के बाद कोर्ट में जवाब देने का निर्देश दिया. बाद में मामले को गुरुवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया.

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जस्टिस एस. मुरलीधर का तबादला

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अचानक शाम होते-होते खबर आ गई कि दिल्ली हिंसा की सुनवाई करने वाले हाई कोर्ट के जज का तबादला कर दिया गया है. जस्टिस एस. मुरलीधर को दिल्ली हाई कोर्ट से पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट भेजा गया है. राष्ट्रपति भवन से जस्टिस एस. मुरलीधर के तबादले की अधिसूचना भी जारी कर दी गई है.

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12 फरवरी को हुआ था ट्रांसफर

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भारत के मुख्य न्यायाधीश एसए बोबड़े के साथ बातचीत करने के बाद जस्टिस एस. मुरलीधर का तबादला दिल्ली हाई कोर्ट से पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में किया है. इसके साथ ही उन्हें अपने कार्यालय का प्रभार संभालने का निर्देश भी दिया है, लेकिन जानकारी के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने 12 फरवरी को हुई अपनी बैठक में दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस एस. मुरलीधर को पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में ट्रांसफर करने की सिफारिश की थी.

तबादले की टाइमिंग को लेकर सवाल

12 फरवरी की सिफारिश के बाद 26 फरवरी को हुए तबादले की टाइमिंग को लेकर अब सवाल खड़े हो रहे हैं, क्योंकि बुधवार की सुनवाई में दिल्ली हाई कोर्ट ने पुलिस को भड़काऊ बयान देने वाले नेताओं, जिनमें कपिल मिश्रा, परवेश शर्मा और अनुराग ठाकुर के खिलाफ कार्रवाई ना कर पाने को लेकर पुलिस को जमकर फटकार लगाई थी. कोर्ट ने इसको लेकर गुरुवार यानी आज पुलिस कमिश्नर से जवाब मांगा था. इसके बाद ही उनके तबादले की खबर आ गई.

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