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दूसरों को बचाने के लिए लगाई जान की बाजी! हेड कॉन्स्टेबल दीपक ने सुनाई VIRAL VIDEO की पूरी कहानी

दिल्ली हिंसा के दौरान एक शख्स सामने से कई फायर करता है, लेकिन पुलिसवाला पीछे नहीं हटता. पुलिसवाले की हिम्मत देख उपद्रवी को ही मजबूरन पीछे हटना पड़ता है. यह पुलिसवाला कोई और नहीं, दिल्ली पुलिस के हेड कॉन्स्टेबल दीपक दहिया हैं.

सोमवार को हिंसा के दौरान एक शख्स ने की थी फायरिंग (फाइल फोटो-PTI) सोमवार को हिंसा के दौरान एक शख्स ने की थी फायरिंग (फाइल फोटो-PTI)
मनजीत सहगल
  • नई दिल्ली,
  • 26 फरवरी 2020,
  • अपडेटेड 7:34 PM IST

  • हेड कॉन्स्टेबल दीपक दहिया ने फायरिंग करने वाले शख्स को रोका था
  • आजतक से बातचीत में बोले-हमें हमारे पब्लिक की जान बचानी है

नॉर्थ ईस्ट दिल्ली के कई इलाकों के हिंसा की जद में आने से वहां तनाव का माहौल व्याप्त है. तीन दिनों में मौजपुर, बाबरपुर, गोकुलपुरी, भजनपुरा समेत कई जगहों पर आगजनी, तोड़फोड़ और पथराव आदि की घटनाएं हुईं. हिंसा की घटनाओं के कई वीडियो भी सामने आ चुके हैं. हालांकि, सबसे ज्यादा चर्चा उस वीडियो की हुई है जिसमें पिस्तौल थामे एक उपद्रवी के सामने एक पुलिसवाला निडर खड़ा नजर आता है.

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सामने से शख्स कई फायर भी करता है, लेकिन पुलिसवाला पीछे नहीं हटता. पुलिसवाले की हिम्मत देख उपद्रवी को ही मजबूरन पीछे हटना पड़ता है. यह पुलिसवाला कोई और नहीं, दिल्ली पुलिस के हेड कॉन्स्टेबल दीपक दहिया हैं. दीपक दहिया की उम्र 31 साल है और वह मूलत हरियाणा के सोनीपत के रहने वाले हैं. प्रदर्शनकारी का डटकर मुकाबला करने के बाद दीपक दहिया सुर्खियों में आ गए हैं.

सोशल मीडिया में चारों तरफ दीपक की जमकर तारीफ की जा रही है. लेकिन दीपक के परिवार वालों के लिए वह घड़ियां बेहद तकलीफ भरी थी. हालांकि दीपक ने सिर पर हेलमेट पहना हुआ था लेकिन उनकी पत्नी ने उनकी जैकेट से उनको पहचान लिया. दीपक की पत्नी और दो बेटियां सोनीपत में ही रहती हैं. दीपक के पिता इंडियन कोस्ट गार्ड से सेवानिवृत्त हुए हैं. दीपक का एक भाई भी दिल्ली पुलिस और दूसरा कोस्ट गार्ड की नौकरी कर रहा है.

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हमें हमारे पब्लिक की जान बचानी है

दीपक ने आजतक से खास बातचीत में पूरे घटनाक्रम के बारे में बताया. दीपक दहिया ने बताया कि लड़का सामने से फायरिंग करते हुए आ रहा था. दीपक के मुताबिक, दूसरे लोग उसकी फायरिंग की जद में न आ जाएं, इसके लिए उन्होंने उसे बीच में ही रोक लिया. यह गोली उन्हें भी लग सकती थी? इस सवाल के जवाब में दीपक ने कहा, 'मैम, सबसे पहले तो हमें हमारे पब्लिक की जान बचानी है... हमें तो लग जाएगी यह तो बाद की बात है. पहले तो जिनके लिए नौकरी कर रहे हैं, वे जरूरी हैं.'

हिंसा के दौरान एक युवक ने पुलिस के सामने की थी फायरिंग

गोली मारने की दे रहा था धमकी

हाथ में बंदूक थामा शख्स उन्हें क्या कह रहा था? दीपक ने बताया, 'गोली मारने के लिए कह रहा था. पीछे हट जाइए वर्ना गोली मार दूंगा.' दीपक ने बताया कि फायरिंग करने वाले शख्स के पीछे भी कई लोग थे, जो पथराव कर रहे थे. वहीं, उनके पीछे भी पब्लिक खड़ी थी. दीपक ने उस शख्स को समझाया कि वो फायरिंग न करे, इसकी वजह से किसी की जान जा सकती है. ऐसा बोलते हुए दीपक ने उस शख्स को भीड़ से दूर किया ताकि उसकी गोली की चपेट में कोई दूसरा न आ जाए.

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डंडे से डराने की कोशिश

सामने से बंदूक तनी होने के बावजूद दीपक ने उस शख्स को डंडे से पीछे करना चाहा. दीपक ने कहा, 'मैं सोच रहा था...इसको थोड़ा सा डर लग जाए, मैं इसको थोड़ा पीछे कर दूं. मुझसे आगे न निकल जाए. वो भीड़ के बीच में न घुस जाए फायरिंग करते हुए.' इसके बाद, वो शख्स किनारे से एक फायर करके पीछे हट गया और भीड़ उसकी गोली की चपेट में आने से बच गई.

पिस्तौल की रेंज से सबको बाहर निकाला

सीने पर पिस्तौल तनी होने के बावजूद पीछे क्यों नहीं हटे, इसके जवाब में दीपक ने दोबारा कहा, 'सबसे बड़ी बात अपनी पब्लिक है, उसे बचाना जरूरी है न मैम.' दीपक के मुताबिक, भीड़ को आगे बढ़ने न देना ही उनका आखिरी मकसद था. उनके मुताबिक, ऐसे पिस्तौल की रेंज 20 से 22 मीटर होती है. उन्होंने बातों में उलझाकर उस शख्स को रोक लिया जिससे बाकी लोग पिस्तौल की रेंज से बाहर निकल गए.

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