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दिल्‍ली में पानी की किल्‍लत शुरू, BJP ने कहा- केजरीवाल को नहीं परवाह

साउथ दिल्ली से बीजेपी सांसद रमेश बिधूड़ी ने कहा कि केजरीवाल अपने सरकारी अधिकारियों से नाक की लड़ाई में जुटे हैं और दिल्ली के लोग परेशान हैं. बिधूड़ी ने कहा कि केजरीवाल चीफ सेक्रेटरी अंशू प्रकाश से माफी मांग कर मामले को रफा दफा कर सकते हैं, लेकिन वो नहीं कर रहे हैं.

प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर
रणविजय सिंह/अभि‍षेक आनंद
  • नई दिल्ली,
  • 27 फरवरी 2018,
  • अपडेटेड 5:35 PM IST

दिल्‍ली में अभी सरकार और नौकरशाहों के बीच खींचतान जारी है. वहीं, दूसरी ओर दिल्ली में पानी की किल्लत भी शुरू हो गई है. अभी गर्मियों का मौसम दूर है. लेकिन दक्षिणी, पूर्वी और पश्चिमी दिल्ली के कई इलाकों में पानी सप्लाई की कमी देखी जा रही है. भारतीय जनता पार्टी ने इसके लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जिम्मेदार ठहराया है.

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साउथ दिल्ली से बीजेपी सांसद रमेश बिधूड़ी ने कहा कि केजरीवाल अपने सरकारी अधिकारियों से नाक की लड़ाई में जुटे हैं और दिल्ली के लोग परेशान हैं. बिधूड़ी ने कहा कि केजरीवाल चीफ सेक्रेटरी अंशु प्रकाश से माफी मांग कर मामले को रफा-दफा कर सकते हैं, लेकिन वो नहीं कर रहे हैं.  

बता दें, साउथ दिल्ली के पॉश साउथ एक्स मार्केट में भी पानी की भारी किल्लत है. यहां के निवासी और दुकानदार दोनों परेशान हैं. साउथ एक्स मार्केट एसोसिएशन के सुधीर आहूजा का कहना है कि पानी की सप्लाई कम होने से बिजनेस पर बहुत फर्क पड़ रहा है.

उन्होंने कहा कि पानी की सप्लाई बहुत कम है और बहुत कम समय के लिए आती है. हाल में ही नगर निगम ने ये आदेश जारी किया था कि किसी भी रेस्टोरेंट के टॉयलेट को मार्केट जाने वाले लोग मुफ्त में इस्तेमाल कर सकते हैं. आहूजा का कहना है कि कई बार तो टॉयलेट में पानी ही नहीं होता और ऐसे में किसी को उसका इस्तेमाल कैसे करने दें. अभी गर्मियों का मौसम आना बाकि है जब पानी के लिए दिल्ली में हाहाकार मचता है.

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गौरतलब है कि पिछले सप्ताह देर रात एक मीटिंग के दौरान आम आदमी पार्टी (आप) के विधायकों की ओर से कथित तौर पर मुख्‍य सचिव अंशु प्रकाश से मारपीट करने का आरोप है. इस घटना के बाद से सारे सरकारी अधिकारी सरकार के खिलाफ लामबंद हो गए हैं और मुख्यमंत्री से लिखित माफी की मांग कर रहे हैं.

सरकारी अधिकारियों ने किसी भी मीटिंग में जाने से मना कर दिया है और सिर्फ कागजी तरीके से कम्यूनिकेट कर रहे हैं. दिल्ली सरकार के तमाम प्रयासों के बावजूद अधिकारी अड़े हुए हैं.

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