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क्या मौत के बाद भी होती है जिंदगी, जानने के लिए कर ली खुदकुशी

क्या मौत के बाद भी ज़िंदगी होती है? क्या मरने के बाद भी इंसान कुछ महसूस करता है? मौत के बाद आख़िर आत्मा कहां जाती है? मौत का तजुर्बा सचमुच कैसा होता है? क्या ये सब जानने के लिए मरना ज़रूरी है? यही सारे सवाल उस नौजवान के दिमाग़ में भी कुलबुला रहे थे. वो जवाब जानने के लिए रात भर जागता रहा. पहले उसने इन सवालों का जवाब किताबों में ढूंढ़ा. फिर देर तक इंटरनेट खंगालता रहा और अंत में उसने दूसरी मंज़िल से छलांग लगाकर खुदकुशी कर ली.

हालांकि पुलिस अभी भी इस मामले की छानबीन कर रही है हालांकि पुलिस अभी भी इस मामले की छानबीन कर रही है
परवेज़ सागर
  • नई दिल्ली,
  • 05 जनवरी 2018,
  • अपडेटेड 2:47 PM IST

क्या मौत के बाद भी ज़िंदगी होती है? क्या मरने के बाद भी इंसान कुछ महसूस करता है? मौत के बाद आख़िर आत्मा कहां जाती है? मौत का तजुर्बा सचमुच कैसा होता है? क्या ये सब जानने के लिए मरना ज़रूरी है? यही सारे सवाल उस नौजवान के दिमाग़ में भी कुलबुला रहे थे. वो जवाब जानने के लिए रात भर जागता रहा. पहले उसने इन सवालों का जवाब किताबों में ढूंढ़ा. फिर देर तक इंटरनेट खंगालता रहा और अंत में उसने दूसरी मंज़िल से छलांग लगाकर खुदकुशी कर ली.

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मौत के बाद जिंदगी की तलाश

वो नौजवान मौत के बाद ज़िंदगी का वजूद तलाश रहा था. इसी तलाश में उसने कई किताबें पढ़ीं, इंटरनेट खंगाला. अनगिनत लोगों से बातें भी कीं. लेकिन उसे अपने सवालों का जवाब नहीं मिला और आख़िरकार उसने वो कर लिया, जो उसे कतई नहीं करना चाहिए था.

छत से कूदकर की खुदकुशी

पहली जनवरी के अगले दिन यानी साल की दूसरी सुबह जब दिल्ली के बुराड़ी इलाक़े में एक मोहल्ले के लोगों की नींद खुली तो एक अजीब सा मंज़र उनका इंतज़ार कर रहा था. मोहल्ले में एक मकान के बाहर एक नौजवान की लाश पड़ी थी और लाश को देखने से लगता था कि उसकी मौत ऊपर से गिरने की वजह से हुई है. मरने वाले नौजवान का नाम नवदीप था. वो बुराड़ी में अपने मामा के घर आया हुआ था.

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सच जानकर पुलिस भी हैरान

क्या ये नौजवान किसी हादसे का शिकार हुआ? या उसने जानबूझ कर ऊपर से छलांग लगाई? यानी खुदकुशी की? आख़िर इस मौत का सच क्या था? सवाल तो कई थे, लेकिन इस वाकये की खबर पाकर मौका-ए-वारदात पर पहुंची पुलिस ने जब उसके घरवालों से बात की, तो उसकी कहानी सुन कर हैरान रह गई. दरअसल, वो किसी हादसे का शिकार नहीं हुआ बल्कि वो तो अपनी मौत से पहले डिप्रेशन यानी अवसाद की हालत में था और जान देने यानी मरने-मारने की बातें कर रहा था.

लाइफ़ आफ्टर डेथ पर रिसर्च

लेकिन सवाल ये था कि आख़िर वो ऐसा क्यों कर रहा था? तो पुलिसवालों को इसका जवाब कहीं और भी ज़्यादा चौंकाने वाला मिला. घरवालों ने बताया कि वो मौत के बाद ज़िंदगी के होने और ना होने को लेकर इन दिनों कुछ ज़्यादा ही जिज्ञासु हो गया था. कहने का मतलब ये कि वो हर पल मरने के बाद इंसान को होनेवाले तजुर्बे के बारे में जानना समझना चाहता था और इसी कोशिश में उसने ना सिर्फ़ कई किताबें पढ़ीं, बहुत से लोगों से बात की, बल्कि इंटरनेट पर भी लाइफ़ आफ्टर डेथ को लेकर रिसर्च करता रहा.

जताई थी आत्महत्या की इच्छा

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अपनी मौत से चंद रोज़ पहले यानी 30 दिसंबर को उसने युवक ने अपनी मां को व्हाट्स एप्प पर एक ऐसा मैसेज भेजा, जो किसी को भी बेचैन करने के लिए काफ़ी था. इस मैसेज में उसने सुसाइड करने की इच्छा जताई थी, जिस पर मां ने उसे समझाया था और उसे बुराड़ी में अपने मामा के घर रहने के लिए भेज दिया था, ताकि उसका मन बदल जाए लेकिन यहां आखिरकार उसने मौत को गले लगा ही लिया.

विदेश में पढ़ाई

25 साल का नवदीप स्वीडन में रह कर अपनी पढ़ाई कर रहा था, लेकिन इन दिनों हिंदुस्तान आया हुआ था. उधर, उसके माता-पिता भी विदेश में ही रहते थे. लेकिन स्वीडन से हिंदुस्तान लौटने के बाद से ही वो लगातार मौत और ज़िंदगी की कश्मकश में उलझा हुआ था. और ये उलझन कुछ इतनी बढ़ी कि उसकी जान ही चली गई. पुलिस की मानें तो अपनी मौत से पहले उसने इंटरनेट पर मौत के बाद ज़िंदगी को होने और ना होने के लेकर काफ़ी रिसर्च की थी. जो बात उसके मोबाइल और कंप्यूटर की हिस्ट्री की जांच से साफ़ हुई.

मौत का रहस्य जानने के लिए दी जान

डीसीपी जतिन नरवाल के मुताबिक नवदीप ने अपने घर की दीवारों पर भी ऐसी ही अजीब और रहस्यमयी बातें लिखी थीं. और हाल के दिनों में वो इस बात पर यकीन करने लगा था कि मौत के बाद की ज़िंदगी को समझने के लिए मरना ज़रूरी है. कहने की ज़रूरत नहीं है कि उसने जिससे भी अपनी से सोच साझा की, उसी ने उसे समझाया और जान देने से रोकने की कोशिश की. लेकिन आख़िरकार नौजवान नवदीप ने वही किया, जो वो करना चाहता था. उसने सिर्फ़ मौत को जानने के लिए ही अपनी जान दे दी.

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