
गंगा में सफाई और यमुना में अमोनिया का स्तर बढ़ने से सोनिया विहार और भागीरथी वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट बंद हुआ तो पूर्वी और दक्षिणी दिल्ली में पानी के लिए हाहाकार मच गया. त्योहार के सीजन में पानी नहीं मिलने से लाखों लोग परेशान हो रहे हैं. घर की साफ सफाई से लेकर मेहमानों के स्वागत के लिए जनता बोतल बंद पानी इस्तेमाल करने के लिए मजबूर है.
सोमवार को अमोनिया का लेवल कम होने के बाद सोनिया विहार और भागीरथ प्लांट भले शुरू हो गया हो लेकिन जरूरत का पानी अभी जनता की पहुंच से दूर है. ग्रेटर कैलाश इलाके में लोग पिछले 3 दिन से पानी की किल्लत से जूझ रहे हैं. यहां रहने वाले गुप्ता परिवार ने बताया कि दीवाली से पहले रिश्तेदारों से मुलाकात का सिलसिला चल रहा है लेकिन घर की साफ सफाई के साथ-साथ घर में मेहमानों को पिलाने के लिए भी पानी नहीं है.
ग्रेटर कैलाश में आलम यह है कि पानी का टैंकर बुलाने के बाद लोगों को 24 घंटे से ज्यादा का इंतजार करना पड़ रहा है. चेतन शर्मा का कहना है कि गंगा की सफाई हर साल होती है. ऐसे में सरकार को प्लांट पर अमोनिया के खतरे का ध्यान रखना चाहिए था. दिल्ली जल बोर्ड को प्लान तैयार करना चाहिए था ताकि दिल्लीवालों को पानी की समस्या से जूझना न पड़े. सोनी परिवार ने बताया कि पिछले 3 दिन में इतना पानी भी इकट्ठा नहीं हुआ है कि घर के सदस्य नहा सकें.
उधर 3 दिन तक पानी की किल्लत झेलने के बाद जब मंगलवार सुबह ईस्ट विनोद नगर में पानी आया तो लोग खुश होने की जगह हैरान हो गए. नल से आने वाला पानी ना तो पीने लायक था ना ही नहाने लायक. इलाके की महिलाओं ने शिकायत करते हुए कहा कि पानी छानने के बाद पीने से भी पेट मे दर्द हो रहा है और बच्चे बीमार पड़ रहे हैं. इलाके में लोग खाली बर्तन लेकर इकट्ठे हुए और सरकार से साफ पानी की मांग करते नजर आए.