
चुनाव आयोग की वार्डों के परिसीमन को लेकर बनाई गई रिपोर्ट को एलजी की हरी झंडी मिलते ही जहां एक तरफ एमसीडी चुनाव की उल्टी गिनती शुरू हो गई है, तो वहीं दूसरी तरफ वार्डों में किए गए बदलाव ने नेताओं के सामने दुविधा खड़ी कर दी है.
एमसीडी के कई बड़े नाम इन दिनों थोड़ा परेशान दिख रहे हैं और इसकी वजह है वार्डों का परिसीमन . इसमें किसी का वार्ड ही खत्म कर दिया गया है या किसी के वार्ड में नए बूथ जोड़ दिए गए.
मिसाल के लिए साउथ एमसीडी में विपक्ष के नेता फरहाद सूरी से मिलिए. सूरी फिलहाल निजामुद्दीन वार्ड से पार्षद हैं, लेकिन परिसीमन के बाद इनका वार्ड ही खत्म कर दिया गया. जंगपुरा विधानसभा के अंतर्गत अब जो नए वार्ड बनाए गए हैं, वो लाजपत नगर, सिद्धार्थ नगर और दरियागंज हैं.
निजामुद्दीन वार्ड को खत्म कर उसे दरियागंज बना दिया गया है. इनके पुराने वार्ड का महज 35% हिस्सा ही दरियागंज वार्ड में डाला गया है, जबकि 65% हिस्सा नया है. ऐसे में अगर सूरी चुनाव लड़ते हैं तो बड़ी तादाद ऐसे लोगों की होगी जो इन्हें जानते ही नहीं. ऐसे में सूरी के लिए दुविधा यह है कि वोट किस आधार पर मांगे.
सूरी कहते हैं कि दूसरी सबसे बड़ी परेशानी यह कि दरियागंज वार्ड लालकिले के पास पर्दाबाग से शुरू होकर भोगल तक बनाया गया है. सूरी के मुताबिक ये दूरी लगभग 10 किलोमीटर की है तो ऐसे मे वार्ड की जनता से मिलने में भी परेशानी आएगी.
सूरी वार्ड का नाम बदले जाने को लेकर भी खासे नाराज हैं. उनके मुताबिक उन्होंने वार्ड का नाम निजामुद्दीन ही रखने की सलाह दी थी, लेकिन चुनाव आयोग ने उसे भी नजरअंदाज कर दिया.