
नोटबंदी की वर्षगांठ पर आजतक कॉन्क्लेव 'नोटबंदी से कितना फायदा कितना नुकसान' के दूसरे अहम सत्र इंडस्ट्री का नफा नुकसान में केन्द्रीय वाणिज्य मंत्री सुरेश प्रभु ने शिरकत की. इस सत्र का संचालन अंजना ओम कश्यप ने किया. इस सत्र में सुरेश प्रभु ने कहा कि नोटबंदी लागू होने के बाद से देश में कालाधन रखने वाले परेशान हैं. जिन लोगों के कारोबार में कालाधन था वह भी परेशान हैं लेकिन केन्द्र सरकार के लिए यह कदम उठाना इसलिए जरूरी था क्योंकि देश की करेंसी का शुद्धिकरण बेहद जरूरी है.
सुरेश प्रभु के मुताबिक नोटबंदी का मकसद कालेधन पर वार करना था. केन्द्रीय मंत्री प्रभु ने बताया कि नोटबंदी के दौरान जिन लोगों ने अपने पास मौजूद कालेधन को बैंक में जमा कराने में सफलता पाई अब उन्हें पूरी सफाई देनी होगी कि आखिर उनके पास यह पैसा आया कहां से. प्रभु के मुताबिक यह अपने आप में बड़ी सफलता है कि सर्कुलेशन में स्थित कालाधन आज बैंकों में पहुंच चुका है. अब देशभर में ऐसे खातों की जांच कर सवाल किया जाएगा कि किसने कितना पैसा बैंक में जमा किया है.
बेनामी संपत्ति पर बोलते हुए सुरेश प्रभु ने कहा कि इतनी बड़ी इकोनॉमी को साफ-सुथरा करने में समय लगेगा. प्रभु के मुताबिक मोदी सरकार इसके लिए कमर कस चुकी है. अंजना ओम कश्यप के सवाल पर प्रभु ने कहा कि सरकार कालेधन के खिलाफ अपना गोल पोस्ट चेंज नहीं कर रही है. कालेधन के खिलाफ उठाए जाने वाले सभी कदम एक दूसरे से जुड़े हैं. नोटबंदी ने यदि किसी ने कालाधन बैंक में जमा करा लिया है तो आने वाले दिनों में उसकी परेशानी बढ़ने जा रही है.
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सुरेश प्रभु ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी देश से कालेधन का पूरी तरह से सफाया करने के काम में लगे हैं. प्रभु के मुताबिक यह काम इतना आसान नहीं है और इसे करने में लंबा वक्त लगेगा. लिहाजा, प्रभु ने आम आदमी से अपील की कि उसे धैर्य रखने की जरूरत है और कालेधन के खिलाफ किसी लड़ाई में आम आदमी को कोई परेशानी नहीं उठानी होगी.