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मोदी की नोटबंदी को काले धन के कुबेरों ने ऐसे किया फेल, IT रिपोर्ट में खुलासा

नोटबंदी लागू होने के बाद देशभर में किस तरह से नोटबंदी के प्रभावों से बचने के लिए आम आदमी और संस्थाओं ने पुराने कैश को किनारे लगाने की कवायद की थी.

नोटबंदी के बाद सख्त इनकम टैक्स विभाग नोटबंदी के बाद सख्त इनकम टैक्स विभाग
राहुल मिश्र/अशोक सिंघल
  • नई दिल्ली,
  • 15 नवंबर 2017,
  • अपडेटेड 4:13 PM IST

नोटबंदी के एक साल पूरे होने के बाद अब इनकम टैक्स विभाग की एक खास रिपोर्ट तैयार हो चुकी है. 27 पेज की इस रिपोर्ट में इनकम टैक्स विभाग ने खुलासा किया है कि नोटबंदी लागू होने के बाद देशभर में किस तरह से नोटबंदी के प्रभावों से बचने के लिए आम आदमी और संस्थाओं ने पुराने कैश को किनारे लगाने की कवायद की थी. इनकम टैक्स विभाग की रिपोर्ट में कालेधन को छिपाने के लिए तरह-तरह के कारोबारियों द्वारा अपनाए गए हथकंड़ों का जिक्र किया गया है.

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इनकम विभाग की जांच में हुए अहम खुलासे:

1. रिपोर्ट में संदिग्ध नकद जमा का खुलासा किया गया है.

2. रिपोर्ट में बताया गया है कि किस तरह से कारोबारियों ने कैश को खपाने के लिए बैकडेट में अपने टैली सॉफ्टवेयर में एंट्री की.

3. किस तरह नोटंबदी के ऐलान के बाद पुराना कैश जमा करने की अवधि में पेट्रोल पंप मालिकों ने अपनी डेली सेल को बढ़ा-चढ़ा कर दिखाया.

4. इस दौरान शेल कंपनियों ने कालेधन को खपाने के लिए संदिग्ध एंट्री कीं.

5. इनकम टैक्स विभाग की जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि ऑपरेशन क्लीन मनी के दौरान ज्वैलर्स और बुलियन ट्रेडर्स ने पैन कार्ड रिपोर्टिंग से बचने के लिए खरीद और बिक्री के बिल को छोटी-छोटी रकम में तैयार किया.

6.कारोबारियों ने कई परत में ट्रांजैक्शन को अंजाम दिया जिससे वास्तविक फायदा उठाने वाले व्यक्ति तक न पहुंचा जा सके.

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7. कई कारोबारियों ने भविष्य की सेल (फ्यूचर ट्रांजैक्शन) के नाम पर बड़ी मात्रा में पुरानी करेंसी बतौर एडवांस स्वीकार की.

8. देश के प्रमुख कोऑपरेटिव बैंक के बड़े अधिकारियों ने बैंक के करेंसी चेस्ट से नई करेंसी का इस्तेमाल अपनी निजी पुरानी करेंसी को बदलने के लिए किया. हालांकि यह नई करेंसी उन्हें ग्राहकों की पुरानी करेंसी बदलने के लिए दी गई थी.

9. ऑपरेशन क्लीन मनी के पहले चरण की जांच में अधिक कैश लेनदेन वाले खाताधारकों ने दावा किया है कि उनके खातों में बढ़ा कैश जमा कैश सेल के चलते हुआ.

10. ऑपरेशन के दौरान बैंकों में जमा हुए अधिक कैश के मामलों में 57.5 फीसदी मामले कारोबारियों द्वारा कैश में की गई बिक्री के रहे वहीं जमा हुआ महज 20 फीसदी कैश उनकी नोटबंदी के ऐलान से पहले हुई बिक्री से एकत्र हुई.

11. ऑपरेशन के इस चरण के दौरान इनकम टैक्स विभाग ने 17.92 लाख लोगों की पहचान की है जिन्हें गैरकानूनी कैश ट्रांजैक्शन में लिप्त पाया गया.

12. इन 17.92 लाख लोगों में लगभग 9.72 लाख टैक्सपेयर ने नोटबंदी के ऐलान के बाद जमा किए गए लगभग 2.89 लाख करोड़ रुपये की सफाई ऑनलाइन माध्यम से दी है. यह सफाई इनके द्वारा ऑपरेट किए जा रहे लगभग 13.33 लाख बैंक में नकद जमा पर दी गई.

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13. इनके अलावा इनकम टैक्स विभाग की जांच में इन टैक्सपेयर्स ने लगभग 41,600 अन्य बैंक खातों की जानकारी मुहैया कराई है जिसमें निर्धारित सीमा से अधिक कैश जमा कराया गया.

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