
महाराष्ट्र के पुणे में पुलिस विभाग पर संगीन आरोप लगा है. इल्जाम है कि नोटबंदी के चार महीने बाद पुराने नोटों की हेराफेरी करने वाले रैकेट में पुणे पुलिस के कुछ कर्मचारी लिप्त हैं. जो पांच सौ और हजार रुपये के नोट कमीशन लेकर बदलने वाले रैकेट का भंडाफोड़ करने के बजाय उसके लिए काम कर रहे थे. पुलिसवालों पर करोड़ों की रकम आपस में बांटने का आरोप है.
पुणे के कोथरुड पुलिस थाना इलाके में फरवरी के पहले हफ्ते में दो आलिशान गाड़ियों से पुराने नोटों की शक्ल में बड़ी रकम बरामद की गई थी. गाड़ी को एक डॉक्टर एक पुलिसकर्मी के कहने पर पुराने नोट बदलने के मकसद से वहां लाया था. कार में तकरीबन डेढ़ करोड़ के पुराने नोट थे.
आरोप है कि कोथरुड पुलिस थाने के पांच कर्मचारियों ने इस दौरान सिर्फ बीस लाख की बरामदगी दिखाई थी और उसी के तहत मामला दर्ज किया था. जबकि उन्होंने एक करोड़ से ज्यादा रकम आपस में बांट ली थी. बाद में पैसे को बंटवारे को लेकर इन पांचों पुलिसकर्मियों में अनबन हो गई.
तो पांचों पुलिसकर्मियों ने पुणे के ही दिघी पुलिस स्टेशन में बीती 24 फरवरी को एक कार्रवाई की जिक्र करते हुए एक करोड़ चौबीस लाख रुपये पकडे जाने का मामला दर्ज कराया था. इस बात का खुलासा खुद स्कोडा कार के मालिक सुरेश अग्रवाल ने किया. जिसकी कार से पुलिसकर्मियों ने पैसे बरामद किए थे.
इस खुलासे के बाद डीसीपी डॉ. सुधीर हिरेमठ ने इस मामले की एसीपी स्तर से जांच कराने के लिए टीम गठित की है. इस मामले में एक सब इंस्पेक्टर सहित चार कान्स्टेबल के खिलाफ जांच शुरू हो गई है. अगर इन पुलिस कर्मचारियों पर लगे आरोप सही साबित हुए तो पुलिस विभाग के लिए यह शर्म की बात होगी.