Advertisement

नोटबंदी के 2 साल: मनमोहन ने बताया 'मनहूस' फैसला, जेटली ने किया पलटवार

नोटबंदी के दो साल पूरे होने पर कांग्रेस इसे 'आपदा' बता रही है और पूरे देश में विरोध प्रदर्शन की तैयारी में है. टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने नोटबंदी वाले दिन को काला दिवस करार दिया है.

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, वित्त मंत्री अरुण जेटली (फाइल फोटो, PTI) पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, वित्त मंत्री अरुण जेटली (फाइल फोटो, PTI)
रविकांत सिंह/अशोक सिंघल
  • नई दिल्ली,
  • 08 नवंबर 2018,
  • अपडेटेड 1:29 PM IST

आज से ठीक दो साल पहले 8 नवंबर, 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में नोटबंदी का ऐलान किया था. इस ऐलान के बाद देश में 500 और 1000 रुपये के पुराने नोट बंद हो गए थे. आज नोटबंदी के दो साल पूरे हो रहे हैं, इस मौके पर विपक्षी पार्टियों ने इसे एक बार फिर काला दिन करार दिया है.

Advertisement

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह समेत कांग्रेस और विपक्ष के नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला. वहीं सरकार की ओर से वित्त मंत्री अरुण जेटली ने विपक्ष पर पलटवार किया.

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी मोदी सरकार पर करारा प्रहार किया है. उन्होंने इसे 'बीमार सोच' वाला और 'मनहूस' कदम करार दिया है. मनमोहन सिंह ने कहा, 'नोटबंदी से भारतीय अर्थव्यवस्था पर जो कहर बरपा, वह अब सबके सामने है. नोटबंदी ने हर व्यक्ति को प्रभावित किया, चाहे वह किसी भी धर्म, जाति, पेशा या संप्रदाय का हो. अक्सर कहा जाता है कि वक्त सभी जख्मों को भर देता है लेकिन नोटबंदी के जख्म-दिन-ब दिन और गहराते जा रहे हैं.'

पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा, नोटबंदी से जीडीपी में गिरावट तो दर्ज हुई ही, उसके और भी असर देखे जा रहे हैं. छोटे और मंझोले धंधे भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं जिसे नोटबंदी ने पूरी तरह से तोड़ दिया. अर्थव्यवस्था लगातार जूझती जान पड़ रही है जिसका बुरा असर रोजगार पर पड़ रहा है. युवाओं को नौकरियां नहीं मिल पा रहीं. इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए दिए जाने वाले कर्ज और बैंकों की गैर-वित्तीय सेवाओं पर भी काफी बुरा असर पड़ा है. नोटबंदी के कारण रुपए का स्तर गिरा है जिससे मैक्रो-इकोनॉमी भी काफी प्रभावित हुई है.

Advertisement

जेटली ने लिखा ब्लॉग

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने नोटबंदी के 2 साल पूरे होने पर इसे एक सफल फैसला करार दिया. उन्होंने कहा कि सरकार के इस फैसले से 2 साल में काले धन में कमी आई है. साथ ही पिछले दो साल में इनकम टैक्स रिटर्न्स में भी बढ़ोतरी देखी गई है. अरुण जेटली ने नोटबंदी के दो साल पूरे होने पर एक ब्लॉग भी लिखा और विपक्ष को घेरा.

ममता ने भी मोदी सरकार को घेरा

तृणमूल कांग्रेस प्रमुख और बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नोटबंदी के दिन को 'काला दिवस' करार दिया है. कांग्रेस नेता शशि थरूर ने एक ट्वीट कर नोटबंदी की 'कीमत' समझाई है. थरूर ने इस दिन को आपदा बताते हुए #DemonetisationDisasterDay के नाम से ट्वीट किया है. थरूर के मुताबिक, नोटबंदी के कारण नए नोट छापने पर 8 हजार करोड़ रुपए का खर्च आया, 15 लाख लोगों की नौकरी गई, 100 लोग जान से हाथ धो बैठे और जीडीपी में डेढ़ फीसदी की गिरावट दर्ज की गई.

सरकार पर हमलावर कांग्रेस

एक और कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने ट्वीट कर सरकार पर हमला बोला और लिखा, 'हम ऐसा कतई नहीं करेंगे क्योंकि हम सभ्य हैं. नरेंद्र मोदी को 730 दिन बाद भी ऐसा नहीं लगता कि 8 बजे रात तक देश के लोगों से माफी मांग सकें. यह ऐसी घटना है जिसमें 100 लोगों की मौत हो गई.' 

Advertisement

बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने काफी कड़े शब्दों में नोटबंदी की आलोचना की है. ममता ने ट्वीट में लिखा, 'काला दिन. सरकार ने नोटबंदी जैसा बड़ा घोटाला कर देश के लोगों को धोखा दिया है. इसने अर्थव्यवस्था और लाखों लोगों की जिंदगी तबाह कर दी. जिन लोगों ने नोटबंदी की, लोग उन्हें जरूर सजा देंगे.'

नोटबंदी से बर्बाद हुई अर्थव्यवस्था

नोदबंदी पर सीपीआई (एम) के महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि इससे देश की अर्थव्यवस्था बर्बाद हो गई. उन्होंने कहा कि करोड़ों की संख्या में जो लोग कैश ट्रांजैक्शन पर अपनी जिंदगी जीते थे, उनकी जिंदगी बर्बाद हो गई. नोटबंदी से बड़े लोगों और प्रधानमंत्री के खास मित्र हैं उनको देश और लोगों की संपत्ति को लुटने की सुविधा मिल गई.

उन्होंने सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि आपके और हमारे खाते में 15 लाख रुपए देने का वायदा किया था लेकिन 15 लाख करोड़ रुपए की लूट मची हुई है. नोटबंदी का मतलब यही है कि लोगों के पैसे लूटने के नए रास्ते खोले गए. यही बात उसी समय हमने कहा था और जो भी मकसद सरकार ने बताएं उनमें से कोई मकसद हासिल नहीं  हुआ.

एआईएमआईएम नेता और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने भी नोटबंदी को लेकर करारा प्रहार किया. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा कि नरेंद्र मोदी की संवेदनहीनता ने लाखों लोगों की जिंदगी और देश की अर्थव्यवस्था बर्बाद कर दी. ओवैसी ने लिखा, '2019 में वो (मोदी) हमें नोटबंदी भूलने के लिए कहेंगे, ठीक वैसे ही जैसे गुजरात 2002 के दंगे भूलने की बात कही थी लेकिन हम भूले नहीं.'

Advertisement

गौरतलब है कि मोदी सरकार ने 8 नवंबर, 2016 को 500 और 1000 रुपए के पुराने नोट बंद करने का ऐलान किया था. 8 नवंबर की रात से ये पुराने नोट बंद हो गए थे. नोटबंदी के बाद से ही लगातार आरबीआई ने नोटों की गिनती करने में लगी हुई थी. नोटबंदी को लेकर विपक्ष लगातार मोदी सरकार पर हमलावर रहा है. मोदी सरकार ने कालाधन पर वार करने के लिए नोटबंदी की घोषणा की थी.

इसको लेकर विपक्ष हमेशा हमलावर रहा. उनका कहना है कि नोटबंदी की वजह से काला धन तो वापस नहीं आया लेकिन इससे आम आदमी को काफी ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ा. वहीं, सरकार हमेशा इसे सफल बताती रही है.

दो महीने पहले भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा कि नोटबंदी के दौरान बंद हुए लगभग सभी पुराने नोट वापस आ चुके हैं. आरबीआई ने अपनी एनुअल जनरल रिपोर्ट में कहा कि कुल 99.30 फीसदी 500 और 1000 रुपए के पुराने नोट वापस आ चुके हैं. आरबीआई की एनुअल रिपोर्ट में इन नोटों का पूरा लेखा-जोखा दिया है.

RBI एनुअल रिपोर्ट में बताया गया है,  ''स्पेसिफाइड बैंक नोट्स (SBNs) की प्रोसेसिंग का काम आरबीआई के सभी केंद्रों में पूरा हो चुका है. सर्कुलेशन से कुल 15,310.73 अरब रुपए की वैल्यू वाले पुराने नोट वापस आए हैं.''

Advertisement

भारतीय रिजर्व बैंक ने बताया कि 8 नवंबर, 2016 को 15,417.93 अरब रुपए वैल्यू के 500 और 1000 रुपए के पुराने नोट सर्कुलेशन में थे. इसके बाद इनमें से जितने नोट वापस आए हैं, उनकी कुल वैल्यू 15,310.73 अरब रुपए है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement