
सदर बाजार दिल्ली का सबसे बड़ा थोक सदर बाजार माना जाता है. चुनाव में भी इस बाजार की अहम भूमिका रहती है. दरअसल सदर बाजार में चुनाव प्रचार सामग्री भी बड़े पैमाने पर मिलती है लेकिन नोटबंदी के बाद हो रहे चुनावों के लिए चुनावी सामग्री की बिक्री में काफी गिरावट आई. बाजार के दुकानदारों का मानना है कि कारोबार पर नोटबंदी की मार पड़ी है.
अलग अलग पार्टियों के झंडों से लेकर छल्ले तक सदर बाजार में मिलते हैं. चुनावों में इस्तेमाल होने वाली राजनीतिक दलों की टोपियां भी आजकल काफी खरीदी जाती हैं. लेकिन फिलहाल दुकानों पर सुस्ती है.
सदर बाजार के व्यापारी अशोक गुप्ता पिछले 45 सालों से चुनावी सामग्री बेच रहे हैं. इंदिरा गांधी के जमाने से लेकर नरेंद्र मोदी तक अशोक गुप्ता ने चुनावी सामग्री बेची है. अशोक का कहना है कि अब पार्टियां चुनावी सामग्री के बजाय टीवी विज्ञापनों पर ज्यादा पैसा खर्च करती हैं.
MCD चुनाव से उम्मीद