
राजस्थान में डेंगू और चिकनगुनिया ने कहर बरपाना शुरू कर दिया है. सूबे में इन बीमारियों की वजह से इस साल अब तक 50 से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं. स्वास्थ्य मंत्री राजेन्द्र राठौड़ और कृषि मंत्री प्रभुलाल सैनी को चिकनगुनिया होने के बाद सरकार नींद से जागी है और फॉगिंग करने के आदेश जारी किए गए हैं. स्वास्थ्य विभाग में सभी छुट्टियां और तबादले रद्द करते हुए सरकारी अस्पतालों में डेंगू और चिकनगूनिया की जांच फ्री कर दी गई है. लेकिन अस्पताल में आए मरीज कहीं बिस्तर नहीं होने तो कहीं प्लेटलेट की कमी की वजह से इलाज नहीं हो पाने का आरोप लगा रहे हैं.
राजस्थान में डेंगू, चिकनगुनिया, स्क्रब्स टायफस और मलेरिया महामारी की तरह पैर पसारने लगे हैं. अस्पतालों में इतनी भीड़ लगने लगी है कि मरीजों को बेड नहीं मिल रहे हैं. जयपुर के सवाई मान सिंह अस्पताल में पहुंचने वाले मरीज भी परेशान हैं. किसी को ज्यादा भीड़ होने की वजह से डाक्टर दवा देकर भेज दे रहे हैं तो कोई प्लेटलेट के लिए भटक रहा है. कई मरीज हैं कि अस्पताल के बाहर ही डेरा डाले हुए हैं. इनमें से ज्यादातर ग्रामीण इलाके से आए हैं और इनका कहना है कि इन्होंने आजतक फॉगिंग नहीं देखी है.
ये है सवाई मान सिंह अस्पताल का हाल
सवाई मान सिंह अस्ताल में इलाज के लिए आए इमरान कह रहे हैं कि सारा शरीर बुखार से तप रहा है डॉक्टर गोली देकर बाहर भेज देते हैं कि अस्पताल में कोई जगह नहीं है. ग्रामीण इलाकों में फॉगिंग तो छोड़िए, कोई दवा तक देने के लिए तैयार नहीं है. एक और शख्स बनवारी कहते हैं कि उनके दादा जी को डेंगू हुआ है. भरतपुर से डॉक्टर ने रेफर कर दिया है. यहां ए पाजिटिव ब्लड ग्रुप का प्लेटलेट ही कहीं नहीं मिल रहा है.
मंत्रियों को हुआ बुखार, तब आया होश
जयपुर में भी जब स्वास्थ्य मंत्री राजेन्द्र राठौड़ को चिकनगुनिया हुआ है और कृषि मंत्री प्रभुलाल सैनी बुखार से तपने लगे हैं, तब जाकर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की बैठक हुई और मेडिकल विभाग ने जयपुर नगर निगम को फॉगिंग मशीनें दी है. इससे पहले नगर निगम के पास करीब 10 फॉगिंग की मशीनें ही थीं.
फॉगिंग की व्यवस्था
स्वास्थ्य विभाग के डायरेक्टर बी. आर. मीणा का कहना है कि इससे पहले जिस मरीज को डेंगू या चिकनगुनिया होता था, उसके घर के आसपास फॉगिंग की जाती थी बाकी इलाकों के लिए अब मशीनें नगर निगम को भेजी गई हैं.
स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र राठौड़ चिकनगुनिया से ठीक होकर आए तो अधिकारियों की बैठक ली. राठौड़ ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग में सभी छुट्टियां और तबादले रद्द करते हुए सरकारी अस्पतालों में डेंगू और चिकनगुनिया की जांच फ्री कर दी गई हैं.
6 महीने में 58 मौतें
राजस्थान में डेंगू के करीब 400, चिकनगुनिया के 75, स्क्रब टायफस के 290 और मलेरिया के करीब 300 केस पिछले 6 महीने में सामने आए हैं जबकि निजी और सरकारी अस्पतालों में इन बीमारियों से करीब 58 मौतें हो चुकी हैं. सरकार पिछले एक सप्ताह में 10 मौतों के बाद जागी है और अब इनपर काबू पाने के प्रयास किए जा रहे हैं. सरकार ने जहां अस्पतालों में जगह नहीं बची है वहां धर्मशाला और स्कूलों को अस्पताल बनाने के आदेश दिए हैं.