
देवबंद ने मदरसों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फोटो को न लगाने का ऐलान किया है. साथ ही इसका कड़ा विरोध भी किया है. देवबंद के इस विरोध का असर उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में भी देखने को मिला है. यहां भी मदरसों ने पीएम मोदी की तस्वीरों को लगाने से मना कर दिया है.
दूसरी ओर मदरसा बोर्ड ने ये कहकर साफ कर दिया है कि सरकार का आदेश ही हमारे लिए फतवा है. हालंकि, बोर्ड ने मदरसों को लेकर कोई टिपण्णी करने इंकार कर दिया है.
मदरसा बोर्ड के अधिकारी हाजी अखलाक अहमद अंसारी ने अपने ऑफिस में लगी प्रधानमंत्री की फोटो को गर्व के साथ देखते हुए आजतक से कहा की ये आदेश हमको 13 सितंबर को ही प्राप्त हो चुका है, जिसको पूरी तरह से अमल में लाया जा चुका है. साथ ही उन्होंने देवबंद का नाम लेकर साफ तौर पर कहा कि ऐसे फतवों और विरोधों से हमें कोई फर्क पड़ने वाला नहीं है.
गौर हो कि उत्तराखंड सरकार द्वारा जारी आदेश में प्रदेश के सभी सरकारी शैक्षणिक संस्थानों को अपने परिसरों के अंदर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर लगाने को कहा गया था. जिसके बाद उत्तराखंड के मदरसों ने धार्मिक आधार का हवाला देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर को लगाने से इनकार कर दिया.
राज्य सरकार के आदेश को न मानने का कारण बताते हुए उत्तराखंड मदरसा बोर्ड के डिप्टी रजिस्ट्रार अखलाक अहमद ने कहा कि इस्लाम के तहत मस्जिदों और मदरसों के अंदर जीवित चीजों या इंसानों की तस्वीरें लगाने पर पाबंदी है.
अखलाक ने कहा कि वह किसी व्यक्ति विशेष के खिलाफ नहीं हैं और यह विशुद्ध रूप से धार्मिक आस्था के कारण है. इस्लाम मस्जिदों और मदरसों के अंदर धार्मिक नेताओं सहित किसी भी जीवित वस्तु या इंसान की तस्वीरें लगाने की इजाजत नहीं देता.
उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने यह आदेश पिछले साल अगस्त में दिया था और मदरसा बोर्ड ने इसे तत्काल जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी को समुचित कार्रवाई के लिए प्रेषित किया था. अहमद ने कहा, ‘हम किसी व्यक्ति के खिलाफ नहीं हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर यहां उत्तराखंड मदरसा बोर्ड के कार्यालय और जिलों में स्थित बोर्ड कार्यालयों में लगी हुई हैं.’