Advertisement

सावन में शिवभक्तों के लिए सज चुका है बैद्यनाथधाम देवघर

झारखंड के देवघर स्थित बाबा बैद्यनाथधाम श्रावणी मेले को लेकर पूरी तरह तैयार है. यहां का शिव मंदिर द्वादश ज्योतिर्लिंगों में सर्वाधिक महिमामंडित माना जाता है. बैद्यनाथधाम में सावन महीने में हर दिन करीब एक लाख शिवभक्त शिवलिंग पर जल चढ़ाते हैं.

बाबा बैद्यनाथधाम का भव्य मंदिर बाबा बैद्यनाथधाम का भव्य मंदिर
aajtak.in
  • देवघर,
  • 31 जुलाई 2015,
  • अपडेटेड 7:25 PM IST

झारखंड के देवघर स्थित बाबा बैद्यनाथधाम श्रावणी मेले को लेकर पूरी तरह तैयार है. यहां का शिव मंदिर द्वादश ज्योतिर्लिंगों में सर्वाधिक महिमा वाला माना जाता है.

बैद्यनाथधाम में सावन महीने में हर दिन करीब एक लाख शिवभक्त शिवलिंग पर जल चढ़ाते हैं. सावन में सोमवारी के मौके पर यहां आने वाले शिवभक्तों की संख्या और बढ़ जाती है.

देवघर जिला प्रशासन का दावा है कि झारखंड राज्य के प्रवेश द्वार दुम्मा से लेकर बाबाधाम में पड़ने वाले पूरे मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं के लिए बेहतर व्यवस्था की गई है. दुम्मा से लेकर बाबा मंदिर की दूरी लगभग 15 किलोमीटर है.

Advertisement

CRPF को सुरक्षा की कमान
देवघर के जिलाधिकारी अमित कुमार ने बताया कि पूरे मेला क्षेत्र में कड़ी सुरक्षा-व्यवस्था की गई है. किसी भी आपात स्थिति से निबटने के लिए NDRF की टीम तैनात है. श्रावणी मेले में पहली बार इस साल केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के जवानों को भी लगाया गया है.

ज्यादा भीड़ के मद्देनजर 'अरघा' व्यवस्था
1 अगस्त से प्रारंभ होने वाले सावन महीने में अधिक भीड़ जुटने की संभावना के मद्देनजर बाबा पर जलार्पण के लिए 'अरघा' की व्यवस्था रहेगी. अरघा के जरिए ही शिवभक्त जलार्पण करेंगे.

इसके अलावा मंदिर प्रांगण में बड़ा जलपात्र भी रखा रहेगा, जिसमें नि:शक्त, असहाय, वृद्ध वैसे कांवड़िए जो भीड़ से बचना चाहते हैं, वे इस जलपात्र में जल डालेंगे. उनका जल पाइप लाइन सिस्टम के जरिए सीधे बाबा के शिवलिंग पर चढ़ेगा, जिसका सीधा प्रसारण वे टेलीविजन स्क्रीन पर देख सकेंगे.

Advertisement

जल चढ़ाने के लिए ऑनलाइन बुकिंग
कुमार ने बताया कि बाबा मंदिर प्रबंधन बोर्ड प्रयोग के तौर पर जलार्पण के लिए विशेष व्यवस्था कर रही है. इसके तहत दूर-दराज से आने वाले श्रद्धालु बाबा मंदिर की वेबसाइट पर लॉगऑन कर एक परिवार के छह सदस्यों के लिए एक बार में ऑनलाइन बुकिंग करा सकते हैं. ऐसे परिवारों को 101 रुपये का शुल्क देना होगा, जिन्हें जलार्पण की विशेष सुविधा मिलेगी.

भक्तों के लिए रजिस्ट्रेशन कार्ड अनिवार्य
देवघर के पुलिस अधीक्षक पी मुरुगन ने बताया कि यहां आने वाले सभी भक्तों को प्रवेश निबंधन कार्ड लेना अनिवार्य होगा. इसके लिए कांवड़िया पथ सरासनी में काउंटर बनाए गए हैं. कांवड़ियों की सुविधा के लिए इस बार व्यवस्था को और पुख्ता किया गया है. लंबी कतार को देखते हुए मानसरोवर से नंदन पहाड़ और दुर्गाबाड़ी से बेला बगान तक गलियारे का निर्माण कराया गया है.

रास्ते में कृत्रिम बारिश का भी इंतजाम
कांवड़िया पथ में कांवड़ियों की सुविधा के लिए कृत्रिम वर्षा की व्यवस्था की गई है. कांवड़िया राह से गुजरते हुए बनावटी बारिश में स्नान कर सकेंगे. इस दौरान कांवड़ियों के पैरों पर पानी डाला जाएगा, ताकि उन्हें शीतलता का अहसास हो.

सुरक्षा के मद्देनजर कई जगह CCTC कैमरे
मेले में सुरक्षा को लेकर 2,000 से ज्यादा सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया है. भीड़ नियंत्रण के लिए पिछले वर्ष त्वरित कार्य बल (RAF) के जवानों को लगाया गया था, लेकिन इस बार यह कमान सीआरपीएफ के जवान संभालेंगे. मंदिर के अलावा आसपास के इलाके में 50 से अधिक सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. मेला परिसर में 23 स्थानों पर सूचना केंद्र की स्थापना की गई है.

Advertisement

सालोंभर रहती है भक्तों की भीड़
देवघर में सालोंभर शिवभक्तों की भारी भीड़ लगी रहती है, लेकिन सावन में यह पूरा क्षेत्र केसरिया वस्त्र पहने शिवभक्तों से पट जाता है. भगवान भोलेनाथ के भक्त 105 किलोमीटर दूर बिहार के भागलपुर के सुल्तानगंज में बह रही उत्तर वाहिनी गंगा से जल भरकर पैदल यात्रा करते हुए यहां आते हैं और शिव का जलाभिषेक करते हैं. वैसे कई श्रद्धालु सीधे बाबा की नगरिया आकर बाबा बैद्यनाथ की पूजा कर खुद को धन्य मानते हैं.

इनपुट: IANS

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement