Advertisement

फ्लाइट लेट होने के चलते छूटी दूसरी फ्लाइट तो मिलेगा 20 हजार मुआवजा

डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन (डीजीसीए) ने पैसेंजर के अधिकारों की सूची में बदलाव का प्रस्ताव दिया है कि यदि किसी पैसेंजर की कनेक्टिंग फ्लाइट शुरुआती फ्लाइट के लेट होने अथवा कैंसल होने की वजह से छूट जाती है तो एयरलाइन पैसेंजर को 20,000 रुपये बतौर जुर्माना अदा करेगी.

अब हवाई यात्रियों का मिलेगा ये अधिकार अब हवाई यात्रियों का मिलेगा ये अधिकार
राहुल मिश्र
  • नई दिल्ली,
  • 19 अप्रैल 2018,
  • अपडेटेड 4:45 PM IST

आप हवाई यात्रा के दौरान किसी कारण से फंस जाते हैं और आपकी कनेक्टिंग फ्लाइट छूट गई तो डीजीसीए का यह प्रस्ताव आपके लिए बेहद खास है. डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन (डीजीसीए) ने पैसेंजर के अधिकारों की सूची में बदलाव का प्रस्ताव दिया है कि यदि किसी पैसेंजर की कनेक्टिंग फ्लाइट शुरुआती फ्लाइट के लेट होने अथवा कैंसल होने की वजह से छूट जाती है तो एयरलाइन पैसेंजर को 20,000 रुपये बतौर जुर्माना अदा करेगी.

Advertisement

पैसेंजर के अधिकारों में डीजीसीए ने बदलाव का यह प्रस्ताव दिया है कि यदि किसी एयरलाइन्स ने किसी पैसेंजर को जबरन बोर्डिंग देने से मना किया तो उस पैसेंजर को 5,000 रुपये का मुआवजा अदा किया जाएगा. आमतौर पर ओवर बुकिंग के चलते एयरलाइन्स कुछ पैसेंजर्स को बोर्ड पास नहीं जारी करतीं और पैसेंजर्स को दूसरी फ्लाइट से टिकट बुक कराना पड़ता है.

डीजीसीए ने यह प्रस्ताव बोर्डिंग पास नहीं देने की घटनाओं में हो रहे इजाफे के बाद दिया है. हालांकि डीजीसीए के इन प्रस्तावों का फेडरेशन ऑफ इंडियन एयरलाइन्स (एफआईए) और गैर एफआईए एयरलाइन्स जैसे विस्तारा और एयर एशिया इंडिया ने विरोध किया है. गौरतलब है कि डीजीसीए ने पहली बार इतने बड़े मुआवजे का प्रस्ताव रखा है.

इसे पढ़ें: आसान हुआ हवाई सफर, पैसेंजर को नहीं रखना होगा बोर्डिंग पास

Advertisement

इन प्रस्तावों के अलावा डीजीसीए ने यह भी प्रस्ताव दिया है कि यदि किसी उड़ान में 120 मिनट से अधिक का टरमैक डिले (जब कोई हवाई जहाज उड़ान भरने के लिए रनवे पर इंतजार कर रहा हो या तुरंत लैंड करने की स्थिति में आगे की उड़ान जारी करने में वक्त लग रहा हो) हो तो ऐसी स्थिति में पैसेंजर को प्लेन से उतरने और अपनी यात्रा कैंसिल करने का अधिकार हो. गौरतलब है कि खासतौर पर ठंड के मौसम में देश में टरमैक डिले की अधिक घटनाएं सामने आती हैं.

इन प्रस्तावों के विरोध में जेट एयरवेज, इंडिगो और गो एयर ने मांग की है कि मौजूदा नियमों को ही जारी रखा जाए. मौजूदा समय में ऐसे विलंब की स्थिति में पैसेंजर को किसी तरह के हर्जाने का प्रावधान नहीं है. हालांकि, विस्तारा ने इन प्रस्तावों पर अंतिम फैसले से पहले मांग की है कि डीजीसीए को घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए मुआवजे का अलग-अलग प्रावधान करना चाहिए.

गौरतलब है कि इससे पहले सिविल एविएशन मंत्रालय ने हवाई यात्रा के दौरान जान और माल के नुकसान पर दिए जाने वाले मुआवजे में इजाफे का प्रस्ताव दिया था. इसके साथ ही मंत्रालय ने डीजीसीए से एयर टिकट कैंसलेशन फीस में कटौती करने के प्रावधान के साथ-साथ यात्रियों को फ्लाइट छूटने की स्थिति में मुआवजा देने का प्रस्ताव देने के लिए कहा था.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement