जमशेदपुर से लगभग 75 किलोमीटर दूर धालभूमगढ़ इलाके में अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा बनाने के लिए कोशिशें तेज हो गई हैं. फिलहाल हवाई अड्डे के लिए जमीन के सर्वे का काम पूरा कर लिया गया है. अब एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया यानि AAI की टीम के सर्वे के बाद यहाँ हवाई अड्डा बनाने का काम शुरू हो जायेगा.
सूत्रों के मुताबिक सबकुछ योजना के अनुसार चला तो साल 2018 तक इसका निर्माण भी शुरू हो जायेगा. इस योजना के तहत 2021 तक यहाँ से उड़ानें भी शुरू हो जाएंगी. केंद्र सरकार के मुताबिक इस इलाके में हवाई अड्डा बनने से कोल्हान क्षेत्र की किस्मत बदल जाएगी.
1000 एकड़ में बनेगा हवाई अड्डा केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय की योजना के मुताबिक इस हवाई अड्डे के बनने से झारखंड का सीधा संपर्क देश -विदेश से हो जायेगा. इतना ही नहीं इस एयरपोर्ट के जरिए बंगाल, ओड़िशा और
झारखंड के लोगों का आसानी से जुड़ाव हो सकेगा. केंद्र के मुताबिक कोलकाता के हवाईअड्डा का और अधिक विस्तार नहीं किया जा सकता है. ऐसे में धालभूमगढ़ एक बेहतर विकल्प साबित हो सकता है. वहीं ओड़िशा और रांची के हवाई अड्डे आकर में छोटे हैं और साथ ही उनका रनवे भी छोटा है. ऐसे में इन हवाई अड्डों से अंतर्राष्ट्रीय उड़ान संचालित नहीं हो सकता है. इसे देखते हुए धालभूमगढ़ रनवे को करीब 3.5 किलोमीटर तक ले जाने की योजना है. यह देश के बड़े रनवे में से एक होगा. दरअसल घरेलू विमानों के लिए सिर्फ 500 से 600 एकड़ की जमीन की जरूरत होती है, लेकिन अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों के संभावित सञ्चालन को देखते हुए यहां करीब एक हजार एकड़ जमीन की तलाश की गयी है.
जमीन अधिग्रहण का हो रहा है विरोध हालांकि
हवाई अड्डे बनाने को लेकर विरोध भी अब तेज होने लगा है. इसे विपक्षी दलों का समर्थन भी मिल रहा है. दूसरी तरफ सरकार के सर्वे के मुताबिक हवाई अड्डे की जद में आनेवाले गावों का कोई भी घर नहीं टूटेगा. अंचलाधिकारी की सर्वे रिपोर्ट में कहा गया है कि कुल 1070.74 एकड़ जमीन चिन्हित कर ली गई है. जमीन को कुछ इस तरह से चिन्हित किया गया है कि न के बराबर ही लोग विस्थापित होंगे.
इसके तहत छह मौजा देवशोल, कोकपाड़ा-नरसिंहगढ़, चार चक्का, बुरुडीह, रुआसोल, दूधचुआं मौजा की जमीन ली जा रही है, जिसमें रैयती जमीन 83.78 एकड़ है जबकि वन भूमि 961.62 एकड़, सरकारी जमीन 25.34 एकड़ है. कुल 986.96 एकड़ जमीन सरकार के हाथ में है. मात्र रैयती जमीन 83.78 एकड़ है उसमें भी एक भी मकान नहीं आ रहा है. वहीं हवाई अड्डे को लेकर युवाओ में काफी उत्साह है. उनका मानना है कि हवाई अड्डे के निर्माण से यहां के लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे. साथ ही क्षेत्र में विकास के कई आयाम जुड़ेंगे.