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जन्माष्टमी से पहले ही ईस्ट ऑफ कैलाश के इस्कॉन में कृष्ण के जन्मदिन की तैयारियां शुरू हो गई थीं. अब इस्कॉन टेंपल कृष्ण का जन्म दिवस मनाने के लिए तैयार हो चुका है. इस बार मंदिर की साज सज्जा में मुख्य रूप से फूल ही हैं. लेकिन फूलों की तैयारी जन्माष्टमी के एक रात पहले ही शुरू कर दी गई थी ताकि पूरे 24 घंटे इस्कॉन टेम्पल का प्रांगड़ फूलों की खुशबू से महकता रहे.
इन फूलों को विशेष तौर पर देश-विदेश के अलग-अलग शहरों से मंगवाया गया हैं. अलग-अलग जगहों से आने वाले 551 प्रकार के फूलों से पूरे इस्कॉन को सजाया जाएगा.
कृष्ण का जन्म मध्यरात्रि में हुआ था, इसीलिए मुख्य कृष्ण मूर्ति के प्रांगण को चांद-सितारों से सजाया गया. इसमें विशेष रूप से लाइटिंग की गई. चांद सितारों की रोशनी सी चमक के बीच फूलों के श्रृंगार से कृष्ण की छवि को इस साल सबसे अदभुत और भव्य तरीके से सजाया गया. इसके अलावा 12.30 बजे की महाआरती के साथ कृष्ण को 451 प्रकार के भोग लगाए गए.
जन्माष्टमी मनाने को लेकर दो दिनों की दुविधा को साफ करते हुए इस्कॉन टेम्पल में 15 अगस्त को ही कृष्ण जन्मोत्सव मनाया जाएगा. जिसके लिए सुबह 4.30 बजे से ही प्रथम दर्शन के पट खोल दिए गए और उसके बाद चारो पहर की पूजा, भोग के बाद महाआरती के समय कृष्ण के भव्य दर्शन होंगे. महोत्सव को लेकर इस्कॉन टेम्पल में सुरक्षा व्यवस्था भी दुगुनी कर दी गई हैं. 300 पुलिस के जवान, 500 सुरक्षा गार्ड, 1200 कृष्ण भक्तों और 200 सीसीटीवी कैमरों के साथ मंदिर की सुरक्षा व्यवथा चाक चौबंद हैं.