
देश की दिग्गज टेलीकॉम कंपनियां बीते कुछ महीनों से एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) बकाये को लेकर काफी तनाव में हैं. तमाम कोशिशों के बावजूद टेलीकॉम कंपनियों को 1.47 लाख करोड़ से अधिक का बकाया चुकाना पड़ रहा है. हालांकि, आज यानी गुरुवार के दिन इन कंपनियों को राहत मिल सकती है.
दरअसल, डिजिटल कम्युनिकेशंस कमीशन की बैठक हो सकती है. न्यूज एजेंसी आईएएनएस सूत्रों के मुताबिक बैठक में टेलीकॉम कंपनियों को कम ब्याज दर पर कर्ज देने पर विचार किया जा सकता है. यह कर्ज 'स्ट्रेस फंड' से उसी प्रकार दिया जा सकता है जिस प्रकार की व्यवस्था रियल्टी सेक्टर के लिए की गई है.
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इसके अलावा संभावित कर्ज के लिए यूनिवर्सल सर्विस ऑब्लिगेशन (यूएसओ) फंड के संबंध में भी बातचीत चल रही है, जिसमें 74,000 करोड़ रुपये की राशि है. सूत्रों की मानें तो इस बैठक की अध्यक्षता दूरसंचार विभाग के सचिव अंशु प्रकाश करेंगे और नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत समेत अन्य लोग इस बैठक में हिस्सा ले सकते हैं.
17 मार्च तक करना है भुगतान
दरअसल, अधिकतर टेलीकॉम कंपनियों को एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) बकाये का पूरा भुगतान 17 मार्च तक करना है. अगर बकाये की बात करें तो वोडाफोन-आइडिया को 53 हजार करोड़, भारती एयरटेल को 35 हजार करोड़, टाटा टेलिसविर्सिज को 13,800 करोड़ और बीएसएनएल को 4,989 करोड़ देने हैं. इसमें से एयरटेल ने 10,000 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया है. जबकि वोडाफोन-आइडिया ने भी 3500 करोड़ रुपये दिए हैं.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने टेलीकॉम कंपनियों से 23 जनवरी 2022 तक बकाया चुकाने को कहा था. हालांकि, टेलीकॉम कंपनियों ने ऐसा नहीं किया. इसके बाद कोर्ट की सख्ती के बाद कंपनियां अब बकाया चुका रही हैं.