
मध्य प्रदेश के धार जिले की भोजशाला में वसंत पंचमी के मौके पर नमाज और पूजा को लेकर चल रहे विवाद के बीच राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने सवाल उठाते हुए कहा कि भोजशाला में जब कोई मूर्ति ही नहीं है तो विश्व हिंदू परिषद के लोग किसकी पूजा करने जाते हैं.
एएसआई ने निकाला है रास्ता
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने वसंत पंचमी शुक्रवार को होने के कारण 12 फरवरी को सूर्योदय से दोपहर बारह बजे तक पूजा और एक बजे से तीन बजे तक नमाज की व्यवस्था की है. यहां मंगलवार और वसंत पंचमी को पूजा और शुक्रवार को नमाज होती आई है.
चुनाव प्रचार के लिए पहुंचे थे दिग्विजय
सतना जिले के मैहर विधानसभा क्षेत्र में हो रहे उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी के समर्थन में प्रचार करके भोपाल पहुंचे कांग्रेस के महासचिव सिंह ने बुधवार को संवाददाताओं से चर्चा करते हुए कहा कि भोजशाला में जब किसी की मूर्ति ही नहीं है तो विहिप वहां किसकी पूजा करने जाते हैं.
बसंत पंचमी पर कराने को लेकर विवाद
पूजा और इबादत के नाम पर 12 फरवरी को मध्य प्रदेश के धार की भोजशाला युद्धशाला बन गई है. शुक्रवार को वीएचपी सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक सरस्वती पूजा करना चाहती है. हिन्दुओं के मुताबिक भोजशाला में वागदेवी यानि सरस्वती का मंदिर है जिसमें हजार साल से बसंत पंचमी पर दिनभर का पूजा हवन होता आया है इसलिए बीच में नमाज नहीं कराई जा सकती.
आदेश का पालन करेंगे
इंदौर संभाग के आयुक्त (राजस्व) संजय दुबे ने कहा, ‘हम 12 फरवरी को भोजशाला परिसर में एएसआई के आदेश का पालन कराएंगे. हम इस आदेश के मुताबिक हिंदू और मुस्लिम समुदाय के लोगों को भोजशाला परिसर में तय समय पर ही उनकी धार्मिक परंपराओं का पालन करने देंगे.’ भारतीय प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अफसर ने कहा, ‘भोजशाला केंद्र सरकार के अधीन एएसआई का संरक्षित स्मारक है. लिहाजा हमारी जिम्मेदारी है कि हम एएसआई के 12 फरवरी के मद्देनजर जारी सरकारी आदेश का पालन कराएं. हमारे पास इस आदेश का पालन कराने के अलावा कोई और विकल्प नहीं है.’
IANS.