
छत्तीसगढ़ में राज्य के पहले राज्यपाल दिनेश नंदन सहाय का निधन हो गया. उन्होंने गृह नगर बिहार के मधेपुरा में अंतिम सांस ली. दिनेश नंदन सहाय को प्रदेश के नेताओं, अफसरों और पत्रकारों ने श्रद्धांजलि अर्पित की और छत्तीसगढ़ निर्माण के दौरान श्री सहाय के किए गए कार्यों को याद किया.
छत्तीसगढ़ निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान
साल 2001 में जब छत्तीसगढ़ का निर्माण हुआ था. उस दौरान बतौर राज्यपाल दिनेश नंदन सहाय ने राज्य में अपनी अमिट छाप छोड़ी थी. वह कुछ महीनों के लिए त्रिपुरा के भी राज्यपाल रहे थे. सोमवार को उनका बिहार में निधन हो गया.
दिनेश नंदन सहाय साल 2001 से 2003 तक छत्तीसगढ़ के राज्यपाल रहे. उन्होंने अपने गृहनगर बिहार के मधेपुरा में अंतिम सांस ली. पूर्व राज्यपाल दिनेश नंदन सहाय के निधन पर छत्तीसगढ़ के सियासी गलियारों में भी शोक की लहर है.
जन्म
दिनेश नंदन सहाय का जन्म बिहार के मधेपुर में 2 फरवरी 1936 में हुआ था. वह एक मध्यम वर्गीय परिवार से संबंध रखते थे. उनकी मां का नाम किशोरी देवी और पिता का नाम देव नंदन सहाय था. उनका पालन पोषण पटना में हुआ था. इन्होंने अंग्रेजी में अपना एमए पूरा कर आरा के एचडी कॉलेज में व्याख्याता के रूप में अपना करियर शुरू किया था. वह साल 1960 में भारतीय पुलिस सेवा में शामिल हुए थे. उन्होंने बिहार राज्य के डीजीपी के रूप में भी कार्य किया. दिनेश नंदन ने मंजू सहाय से शादी की और उनका एक बेटा व दो बेटियां हैं. रिटायर होने के बाद उन्होंने समता पार्टी ज्वाइन किया. साल 2000 में वह छत्तीसगढ़ के पहले राज्यपाल बने. वह साल 2000 से 2003 तक छत्तीसगढ़ के राज्यपाल रहे. जून 2003 में वह त्रिपूरा के राज्यपाल बने.