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CBFC चीफ प्रसून जोशी को खुला खत, फिल्म मेकर ने पूछा कैसे पास हुई अनुपम खेर की फिल्म?

Ahmedabad based filmmaker wrote a letter to prasoon joshi : दक्षिण चरा की फिल्म समीर सितंबर 2017 में रिलीज हुई थी. ये फिल्म एक आतंकवादी प्लॉट पर आधारित थी. चरा ने दावा किया कि फिल्म दि एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर में साफ तौर पर राजनेताओं, राजनीतिक पार्टियों और पार्टियों के झंडों को दिखाया गया है, लेकिन उनकी फिल्म में इस्तेमाल छोटे पॉलिटिकल रेफरेंस को भी हटाने को कहा गया था.

प्रसून जोशी प्रसून जोशी
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 11 जनवरी 2019,
  • अपडेटेड 6:48 PM IST

पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के कार्यकाल पर बनी फिल्म दि 'एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर' रिलीज़ हो चुकी है. ये फिल्म पूर्व पीएम के मीडिया सलाहकार रहे संजय बारू की किताब पर आधारित है. हालांकि अहमदाबाद के एक फिल्मकार और थियेटर एक्टिविस्ट दक्षिण चरा, इस फिल्म के ट्रेलर आने के बाद से ही सेंसर बोर्ड से नाराज़ चल रहे हैं. अब उन्होंने हाल सेंसर बोर्ड के चीफ प्रसून जोशी को एक पत्र लिखा है. चरा ने सेंसर बोर्ड पर पक्षपात का आरोप लगाया है.   

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दक्षिण चरा की फिल्म समीर सितंबर 2017 में रिलीज हुई थी. ये फिल्म आतंकवाद के प्लॉट पर आधारित थी. चरा ने दावा किया कि फिल्म एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर में साफ तौर पर राजनेताओं, राजनीतिक पार्टियों और पार्टियों के झंडों को दिखाया गया है, लेकिन उनकी फिल्म में इस्तेमाल छोटे पॉलिटिकल रेफरेंस को भी हटाने के लिए कहा गया था. उनके मुताबिक, "उन्हें अनुपम खेर और अक्षय खन्ना की फिल्म से कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन वे सीबीएफसी से जानना चाहते हैं कि पिछले साल आई उनकी फिल्म के कई दृश्यों पर आखिर कैंची क्यों चलाई गई?"

गौरतलब है कि फिल्म 'समीर' को सेंसर बोर्ड की एक्ज़ामिनिंग कमिटी ने 28 फरवरी 2017 को रिव्यू किया था. फिल्म देखने के बाद स्क्रीनिंग कमेटी ने फिल्म में कई कट्स लगाने का फैसला किया था. दक्षिण ने बताया कि 'कमिटी का कहना था कि फिल्म से बीजेपी के झंडे वाला शॉट और 'अल जजीरा' शब्द को हटा लिया जाए.

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इसके अलावा फिल्म में एक डायलॉग के दौरान 'मन की बात' का प्रयोग हुआ था, उसे भी हटाने के लिए कहा गया था. बोर्ड का कहना था कि ये पीएम के रे़डियो शो का नाम है और इसे इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है. यही नही फिल्म में एक डायलॉग 'दिल्ली का रास्ता यूपी से होकर जाता है' को भी कट करने के लिए कहा गया था क्योंकि इस डायलॉग में पॉलिटिकल अंडरटोन था. इसके अलावा भी कमिटी ने कई हिंसक दृश्यों को हटाने के लिए कहा था.'

यू/ए सर्टीफिकेट के लिए अप्लाई करने वाले दक्षिण को आखिरकार ए सर्टीफिकेट से संतोष करना पड़ा था. उन्होंने कहा कि 'मैं उम्मीद करता हूं कि प्रसून मेरे पत्र का जवाब देंगे. अगर वे ऐसा नहीं करते हैं तो मैं उन्हें एक लीगल नोटिस भेजूंगा. अगर सेंसर बोर्ड को सिर्फ मन की बात पर दिक्कत हो सकती है तो एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर में तो पूर्व प्रधानमंत्री ही एक्टिंग करते हुए नज़र आते हैं.'

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