
अक्सर ऐसा सुना गया है कि पाकिस्तान मरीन के जवान भारतीय जल सीमा में घुसकर भारतीय मच्छुआरों को पकड़ कर ले जाते हैं. ऐसा ही वाकया एक बार फिर रविवार को भारतीय जल सीमा में हुआ था जिसमें 6 बोट ओर 42 मछुआरों का पीछा करते हुए पाकिस्तान मरीन के जवानों ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था. हालांकि घटना ने इस तरह से मोड़ लिया कि पाकिस्तानी जवानों को शर्मिंदा हो जाना पड़ा.
लेकिन पाकिस्तान मरीन्स जब पकड़े गए भारतीय मछुआरों को अपने बोट में कराची लेकर जा रही थी, उसी वक्त उनकी बोट एक दूसरी बोट से टकरा गई जिसमें पाकिस्तान मरीन के 7 जवान सवार थे और ये सभी डूबने लगे. लेकिन जब पाकिस्तान मरीन के जवान डूब रहे थे, तब भारतीय मछुआरों ने 3 पाकिस्तानी जवानों की जान बचाई और उसी वक्त भारतीय कोस्ट गॉर्ड भी यहा मदद के लिए पहुंचा और उन्होंने दो और पाकिस्तानी जवानों को बचा लिया. हालांकि दो जवानों को नहीं बचाया जा सका और बाद में उनकी लाश मिल गई.
पोरबंदर में फिशरी एसोसिएशन के अध्यक्ष मनीष लोठारी को जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक सभी 42 भारतीय मछुआरे पूरी तरह से सुरक्षित हैं. इस हादसे के बाद भारतीय कोस्ट गार्ड ने पाकिस्तान मरीन के बचाए गए दोनों जवानों को वापस पाकिस्तान को सौंप दिया और घटना से शर्मिंदा पाकिस्तान मरीन ने भी 42 भारतीय मछुआरों को उनकी बोट के साथ छोड़ दिया.
जिस तरह से भारतीय मच्छुआरों और जवानों ने पाकिस्तान मरीन के जवानों की जान बचाई और उसके बाद पाकिस्तान मरीन ने भारतीय मछुआरों को छोड़ा, उससे यह साफ हो गया कि इंसानियत की कोई सीमा नहीं होती.