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एक टांग से कार चलाते हुए पुणे से गोवा जाएगा एयरफोर्स का पूर्व सार्जेंट

उन्होंने पुणे से गोवा तक का सफर कार से पूरा कर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने का निर्णय लिया है. इस बार उनके साथ हैं उनकी दोस्त कनाडा की एक महिला भी.

रखबीर सिंह रखबीर सिंह
पंकज खेळकर /दिनेश अग्रहरि
  • नई दिल्ली,
  • 29 अक्टूबर 2017,
  • अपडेटेड 7:17 AM IST

सिर्फ एक टांग लेकिन बुलंद हौसले वाले भारतीय वायु सेना में सार्जेंट रह चुके 62 साल के रखबीर सिंह दुनिया घूमना चाहते हैं. वह एक टांग से कार चलाते हुए अंबाला से पुणे का सफर कर चुके हैं. अब उन्होंने पुणे से गोवा तक का सफर कार से पूरा कर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने का निर्णय लिया है. इस बार उनके साथ हैं उनकी दोस्त कनाडा की एक महिला भी.

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वर्ल्ड रिकॉर्ड पर नजर

रखबीर सिंह ने बताया, 'हम पुणे के ALC सेंटर से निकलेंगे. पुणे से गोवा की रिटर्न जर्नी है 800 किलोमीटर के करीब और हम 15 घंटे में वापस आएंगे. हमे वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाना है, तो हम सारे किलोमीटर रीडिंग नोट करके, फिर रिकॉर्ड के लिए अप्लाई करेंगे.'

रखबीर सिंह 1975 में कोलकाता के टालीगंज स्थित रिक्रूटमेंट सेंटर से भारतीय वायु सेना में भर्ती हुए थे. इनके पिता भी भारतीय वायु सेना में रह चुके हैं. रघबीर ने भी पिता के नक्शेकदम पर चलते हुए वायु सेना में एंट्री की. सबकुछ ठीक चल रहा था कि 1979 में ड्यूटी ज्वाइन करने जाते वक्त एक खतरनाक रोड एक्सिडेंट में एक टांग गवां बैठे.

एक्सिडेंट के बाद रखबीर ने 16 साल ड्यूटी की, लेकिन हर वक्त उन्हें एक बात सताती थी कि वह कभी कार चला नहीं चला पाएंगे. मन में हर वक्त यह विचार सताता रहता था कि वह दुसरों पर बोझ न बन जाएं.

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धीरे-धीरे उन्होंने कार चलाने की प्रैक्टिस शुरू की और 1985 से एक टांग से ही कार चलाना शुरू किया. हालांकि वह थोड़ी दूरी की यात्रा ही करते रहे. वायु सेना से रिटायर होने के बाद रघबीर ने अपना बिजनेस शुरू किया और नोएडा, दिल्ली, गुड़गांव और हरियाणा के अंबाला में अच्छा खासा कारोबार स्थापित कर लिया. अब रखबीर सिंह के पास तीन SUV हैं और हर गाड़ी के लिए ड्राइवर भी.

पोते ने किया प्रेरित

हुआ यूं कि कुछ समय पहले अंबाला में अपने पुश्तैनी गांव से रखबीर को पुणे आना था. उनका पोता विश्वजीत सिंह उन्हें बोलता रहा कि दादा आप खुद गाड़ी चलाते हुए पुणे जाओ. पोते की जिद का असर था कि रघबीर ने ड्राइवर से चाबी ली और अपने दो दोस्तों को साथ खुद कार चलाते हुए पुणे की ओर चल दिए. रघबीर सिंह एक टांग से ही गाड़ी दौड़ाते रहे. उन्हें प्रेरणा देने वाले उनके पोते का हंसता हुआ चेहरा हर वक्त उनकी आंखों के सामने था. मंजिल कठिन थी, लेकिन दृढ़ निश्चय कर चुके रघबीर एक टांग से अपनी SUV चलाते रहे.

33 घंटे 20 मिनट में पूरा किया 1740 किमी का सफर

अंबाला और पुणे का फासला कोई मामूली अंतर नहीं है. पूरे 1740 किलोमीटर यानी 48 घंटों का सफर. अंबाला से पुणे के बीच इस 1740 किलोमीटर में लंबे सफर में रघबीर ने सिर्फ पांच बार गाड़ी रोकी, वह भी सिर्फ चेहरा धुलने और थोड़ा आराम करने. अंततः इतना लंबा फासला रखबीर ने 33 घंटे 20 मिनट में तय सफलतापूर्वक तय कर लिया. इस सफर ने रखबीर को प्रेरित किया और उन्हें कुछ ऐसे दोस्त मिले जिनके साथ वह अब पूरी दुनिया घूमना चाहते हैं, वह भी अपनी एक टांग के सहारे खुद कार चलाते हुए.

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