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उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी ने आज कहा कि भारतीय मुस्लिमों के सामने आ रही प्रमुख समस्याओं में पहचान और सुरक्षा, शिक्षा एवं सशक्तीकरण तथा निर्णय लेने की प्रक्रिया में निष्पक्ष हिस्सेदारी से जुड़े मुद्दे शामिल हैं.
उप राष्ट्रपति हामिद ने मोदी सरकार के आधिकारिक उद्देश्य सबका साथ सबका विकास की तर्ज पर मुस्लिमों की पहचान एवं सुरक्षा से जुड़ी समस्याओं के समाधान के लिए सकारात्मक कदम उठाये जाने की मांग की.
अंसारी ने कहा कि जहां तक वंचित रखने, बाहर करने और भेदभाव (सुरक्षा मुहैया कराने में विफलता सहित) का प्रश्न है, सरकार या उसके एजेंटों की चूक सरकार को ही जल्द से जल्द सुधारनी है और इसके लिए उचित व्यवस्था विकसित की जाए.
वह मुस्लिम संगठनों के शीर्ष फोरम ऑल इंडिया मजलिस ए मुशावरात के स्वर्ण जयंती समारोह में बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि सशक्तीकरण, राजकीय संपत्ति में समान हिस्सेदारी और निर्णय लेने की प्रक्रिया में निष्पक्ष हिस्सेदारी जैसे मुददे, जो मुस्लिमों के समक्ष हैं, हल करने के लिए रणनीतियां और कार्य पद्धतियां विकसित करना चुनौती है. उन्होंने कहा कि सामाजिक शांति के लिए राजनीतिक दूरदर्शिता जरूरी है.
धर्मनिरपेक्ष राजनीति के तहत रह रहे अधिकांश मुस्लिम अल्पसंख्यकों का भारत का अनुभव अन्य के लिए अनुसरण का मॉडल होना चाहिए. देश की 14 प्रतिशत आबादी मुस्लिम है. मुस्लिम समुदाय के कल्याण के लिए सच्चर समिति की रिपोर्ट के कार्यान्वयन की समीक्षा के लिए बनी कुंदू रिपोर्ट पिछले साल सितंबर में सौंपी गई थी. इसमें जोर देकर कहा गया है कि मुस्लिम अल्पसंख्यकों का विकास सुरक्षा की भावना के सुदृढ़ आधार पर टिका होना चाहिए.
-इनपुट भाषा