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ISIS, पाक का झंडा लहराया जाना गुस्से का इजहार: अब्दुल्ला

कश्मीर में आईएसआईएस और पाकिस्तानी झंडे बार बार लहराए जाने पर नेशनल कॉन्फ्रेंस प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने शुक्रवार को कहा कि यह उन युवकों के ‘गुस्से’ और ‘हताशा’ का इजहार है जो राष्ट्र को जगाना चाहते हैं.

फारूक अब्दुल्ला फारूक अब्दुल्ला
aajtak.in
  • श्रीनगर,
  • 24 जुलाई 2015,
  • अपडेटेड 11:57 PM IST

कश्मीर में आईएसआईएस और पाकिस्तानी झंडे बार बार लहराए जाने पर नेशनल कॉन्फ्रेंस फारूक फारुक अब्दुल्ला ने शुक्रवार को कहा कि यह उन युवकों के ‘गुस्से’ और ‘हताशा’ का इजहार है जो राष्ट्र को जगाना चाहते हैं.

अब्दुल्ला ने कहा, 'दरअसल, युवाओं में हताशा और गुस्सा है. उनके लिए कुछ नहीं किया जा रहा वह इन झंडों को लहराने के अलावा किसी और तरीके से अपने गुस्से का इजहार नहीं कर सकते.'

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राज्य के युवाओं को मुख्यधारा में लाने की जरूरत: अब्दुल्ला
नेशनल कॉन्फ्रेंस प्रमुख ने कहा, 'वो (युवा) राष्ट्र को जगाना चाहते हैं ‘जो हमारे बारे में सोचे.’ हममें से कोई उनके बारे में चिंतित नहीं है. यह इसकी विडंबना है.' उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय मुख्यधारा में लड़कों को वापस लाने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाने की जरूरत है. 'आपको देखना होगा क्या चीज उन्हें चुभ रही है.'

भारत-पाक की सीमा कभी बदल नहीं सकती: अब्दुल्ला
फारूक अब्दुल्ला ने यह भी कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा कभी नहीं बदल सकती. उन्होंने कहा, 'आतंकवादी टावरों पर हमला कर रहे हैं. क्या आपको लगता है कि इससे कुछ बदलेगा. मैं बिल्कुल स्पष्ट हूं कि आप चाहे जो कुछ कर लें, सीमा नहीं बदलेगी. सीमा नहीं बदलने जा रही.'

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का हवाला देते हुए फारुक ने पाकिस्तान के साथ दोस्ताना संबंधों की हिमायत की.

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भाषा से इनपुट

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