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टेंडर को लेकर नगर निगम अधिकारियों की लड़ाई में कंपनी को करोड़ो का फायदा!

ब्राइट न्यून कंपनी के जिम्मे शहर के गली-मोहल्लों में लगी सोडियम वेपर लाइट के मेंटेनेंस का काम है. ऐसे में उसके द्वारा शहर की प्रमुख सड़कों पर लगी लाइट का मेंटेनेंस किया जाना हैरानी की बात है.

स्ट्रीट लाइट टेंडर को लेकर लड़ाई स्ट्रीट लाइट टेंडर को लेकर लड़ाई
धरमबीर सिन्हा
  • रांची,
  • 22 दिसंबर 2016,
  • अपडेटेड 4:47 PM IST

रांची नगर निगम इन दिनों जंग का मैदान बना हुआ है. इसमें एक ओर खड़ी हैं मेयर आशा लकड़ा, जबकि दूसरी ओर नगर आयुक्त प्रशांत कुमार और डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय. दरअसल विवाद का मुद्दा है ब्राइट न्यून कंपनी, जो शहर में स्ट्रीट लाइट का मेंटेनेंस करती है. मेयर का आरोप है कि शहर की प्रमुख सड़कों पर स्ट्रीट लाइट लगाने का काम सूर्या कंपनी को दिया गया था, कंपनी ने लाइट लगायी भी, लेकिन अब स्ट्रीट लाइट के मेंटेनेंस के नाम पर ब्राइट न्यून कंपनी बिजली के खंभों पर विज्ञापन लगाकर हर माह लाखों रुपये कमा रही है. इतना ही नहीं कंपनी अपने मुनाफे में से एक धेला भी रांची नगर निगम को नहीं दे रही है. मेयर की मानें, तो ब्राइट न्यून नगर निगम को सालाना सात करोड़ रुपये का चूना लगा रही है.

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क्या है मामला
रांची नगर निगम ने वर्ष 2015 में शहर की सभी प्रमुख सड़कों पर लगी सोडियम वेपर लाइट को हटाकर एलईडी लाइट लगाने के लिए टेंडर निकाला था. इसमें सूर्या कंपनी एल-वन आई थी. नगर निगम के साथ हुए इकरारनामे के बाद सूर्या कंपनी ने शहर की प्रमुख सड़कों पर कुल 9172 स्ट्रीट लाइट लगायी. खास बात यह है कि नगर निगम के साथ हुए इकरारनामे में इसका स्पष्ट उल्लेख है कि शहर की प्रमुख सड़कों पर जितनी भी स्ट्रीट लाइट लगायी गयी हैं, अगले पांच वर्षों तक उनका मेंटेनेंस सूर्या कंपनी ही करेगी. लेकिन फिलहाल यह काम ब्राइट न्यून कर रही है.

ब्राइट न्यून कंपनी के जिम्मे शहर के गली-मोहल्लों में लगी सोडियम वेपर लाइट के मेंटेनेंस का काम है. ऐसे में उसके द्वारा शहर की प्रमुख सड़कों पर लगी लाइट का मेंटेनेंस किया जाना हैरानी की बात है. मेयर आशा लकड़ा को दोनों ही मुद्दों पर ऐतराज है. उन्होंने इस पर सवाल भी उठाया, बाकायदा प्रेस वार्ता कर उन्होंने पूछा था कि ब्राइट न्यून कंपनी को प्रमुख सड़कों की स्ट्रीट लाइट के मेंटेनेंस का काम कैसे मिला, जबकि यह काम सूर्या कंपनी को करना था? इसके अलावा जब ब्राइट न्यून सालाना सात करोड़ रुपये का मुनाफा विज्ञापन के माध्यम से कमा रही है, तो उसका हिस्सा रांची नगर निगम को क्यों नहीं मिल रहा है? इन दिनों रांची नगर निगम में जो खींचतान चल रही है, उसके पीछे मेयर के इन्हीं सवालों को मुख्य वजह माना जा रहा है.

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कंपनी पर करोड़ो की कमाई का आरोप
नगर निगम से मिली जानकारी के अनुसार राजधानी की प्रमुख सड़कों पर करीब 1100 बिजली के खंभे हैं, जिनमें ब्राइट न्यून कंपनी द्वारा होर्डिंग लगाये जाते हैं. विज्ञापन का एक बोर्ड लगाने के एवज में कंपनी 300 से 1500 रुपये तक वसूलती है. ऐसे में अगर विज्ञापन की औसत दर 800 रुपये प्रति बोर्ड माना जाये, तो 1100 बिजली के खंभों पर विज्ञापन लगाने के एवज में कंपनी को हर माह 8 लाख 80 हजार रुपये की कमाई हो रही है. वहीं विज्ञापन के माध्यम से कंपनी की सालाना कमाई एक करोड़ पांच लाख रुपये होती है. हालांकि, मेयर आशा लकड़ा का आरोप है कि कंपनी नगर निगम को सालाना सात करोड़ रुपये का चूना लगा रही है.

कंपनी के कार्यों की जांच का आदेश दे चुकी हैं मेयर
कंपनी द्वारा की जा रही इस गड़बड़ी पर मेयर आशा लकड़ा ने नगर आयुक्त प्रशांत कुमार को उच्च स्तरीय जांच करने का आदेश दिया था. इस पर नगर आयुक्त ने जो जांच रिपोर्ट मेयर को भेजी, उसमें उन्होंने ब्राइट न्यून कंपनी को क्लीन चिट देते हुए मेयर के आरोपों को तथ्यहीन बताया. साथ ही कहा कि अगर मेयर के पास कंपनी की गड़बड़ी को साबित करनेवाले तथ्य हैं तो बतायें. कंपनी पर कार्रवाई की जायेगी. इधर, मेयर ने कहा कि कुछ भी हो जाये, वे निगम में चल रहे इस खेल को बंद करवा कर रहेंगी.

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