
बिहार में विधानसभा चुनावों के नजदीक आने के साथ ही कभी महागठबंधन के नाम पर एकजुटता दिखाने वाली पार्टियां अब एक-दूसरे से दूरी बनाने में लग गई हैं. ऐसा लग रहा है कि जिस तरह पूरी दुनिया में कोरोना वायरस फैल रहा है वैसे ही महागठबंधन में वैमनस्यता का वायरस फैलता जा रहा है. ताजा मामला प्रतिपक्ष और आरजेडी के नेता तेजस्वी यादव और हम पार्टी के अध्यक्ष जीतनराम मांझी के बीच देखा जा सकता है.
तेजस्वी यादव ने जब जीतनराम मांझी को उनकी हैसियत दिखाई तो जीतनराम मांझी भी चुप नहीं बैठे और तुरंत पलटवार किया. दोनों की तकरार से साफ है कि अब महागठबंधन में टूट तय है. हालांकि मंगलवार की रात पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने राज्य के मौजूदा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात कर यह लगभग तय कर दिया था.
महागठबंधन में सीएम चेहरे को लेकर भी है मतभेद
दरअसल, महागठबंधन में मुख्यमंत्री उम्मीदवार के चेहरे को लेकर भारी मतभेद चल रहा है. आरजेडी ने तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री का उम्मीदवार घोषित कर रखा है लेकिन महागठबंधन इसे मानने को तैयार नहीं है.
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महागठबंधन में शामिल अधिकतर पार्टियों के नेताओं का कहना है कि महागठबंधन की तरफ से मुख्यमंत्री का उम्मीदवार अभी घोषित नहीं है. चाहे वो कांग्रेस हो या फिर उपेन्द्र कुशवाहा की पार्टी आरएलएसपी सबका यही कहना है.
तेजस्वी ने खारिज की मांझी की मांग
वहीं दूसरी ओर जीतनराम मांझी लगातार महागठबंधन में कोआर्डिनेशन कमेटी बनाने की मांग कर रहे हैं. जिसे स्पष्ट तौर पर तेजस्वी यादव ने खारिज करते हुए कहा कि कोई कोआर्डिनेशन कमेटी नहीं बनेगी. तेजस्वी ने साफ कहा, "मांझी जी के बेटे को हमने एमएलसी का टिकट दिया. लोकसभा में तीन सीटें दीं. फिर भी वो कोआर्डिनेशन कमेटी की फेरे में हैं. कोई कोआर्डिनेशन कमेटी नहीं बनेगी."
मांझी बोले- 30 मार्च को करेंगे खुलासा
तेजस्वी के इस बयान के बाद जीतनराम मांझी ने भी कड़े तेवर दिखाते हुए कहा कि तेजस्वी यादव को नहीं मालूम है कि लालू प्रसाद यादव ने गठबंधन में शामिल होने के लिए मुझे 10 बार फोन किया था. यही नहीं मांझी ने तेजस्वी यादव के बहाने लालू प्रसाद यादव पर भी अटैक करते हुए कहा कि उन्होंने राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस को धोखा दिया. वायदा करके मुकर गए.
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मांझी ने कहा कि अगर आरजेडी को इतना गुमान है तो याद कर लें 2010 में उनकी विधानसभा में कितनी सीटें आई थीं. मांझी ने ये भी कहा कि वो अपनी रणनीति का खुलासा 30 मार्च को करेंगे.