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राजस्थान BJP में अध्यक्ष को लेकर घमासान, अपने ही हुए गजेंद्र सिंह के खिलाफ

राजस्थान में दिसंबर में चुनाव होने हैं लेकिन राजस्थान बीजेपी इस समय बिना अध्यक्ष के है. प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी से 3 दिन पहले इस्तीफा ले लिया गया लेकिन कोई भी अध्यक्ष नहीं बन पाया है. नए अध्यक्ष को लेकर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह के नाम की चर्चा है लेकिन बीजेपी उसकी भी घोषणा नहीं कर पा रही है.

वसुंधरा राजे और गजेंद्र सिंह शेखावत वसुंधरा राजे और गजेंद्र सिंह शेखावत
अजीत तिवारी/शरत कुमार
  • जयपुर,
  • 20 अप्रैल 2018,
  • अपडेटेड 9:36 PM IST

राजस्थान में बीजेपी ने अपने प्रदेश अध्यक्ष को तो हटा दिया लेकिन नए प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति आसान नहीं है. नए प्रदेश अध्यक्ष को लेकर वसुंधरा राजे और केंद्रीय नेतृत्व में ठनती नजर आ रही है. लिहाजा किसी एक नाम पर फैसला नहीं हो पा रहा है. केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह के नाम को लेकर जयपुर में बीजेपी में ही विरोध शुरू हो गया है.

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राजस्थान में दिसंबर में चुनाव होने हैं, लेकिन राजस्थान बीजेपी इस समय बिना अध्यक्ष के है. प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी से 3 दिन पहले इस्तीफा ले लिया गया, लेकिन कोई भी अध्यक्ष नहीं बन पाया है. नए अध्यक्ष को लेकर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह के नाम की चर्चा है, लेकिन बीजेपी उसकी भी घोषणा नहीं कर पा रही है.

कहा जा रहा है कि गजेंद्र सिंह और मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के बीच अच्छे संबंध नहीं हैं और मुख्यमंत्री खेमा यह नहीं चाहता है कि चुनावी साल में कोई ऐसा अध्यक्ष बने जिससे वसुंधरा राजे की नहीं बनती हो. माना जा रहा है कि यही वजह है कि वसुंधरा राजे पिछले 2 दिनों से धौलपुर निवास में डेरा डाले हुए हैं.

इधर, बीजेपी के कद्दावर नेता देवी सिंह भाटी ने वसुंधरा खेमे की तरफ से गजेंद्र सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और कहा है कि ऐसा व्यक्ति अध्यक्ष बनेगा तो बीजेपी को चुनाव में नुकसान हो सकता है. देवी सिंह भाटी ने कहा कि गजेंद्र सिंह जोधपुर तक सीमित एक ऐसे नेता हैं, जिनकी छवि जाट विरोधी है. ऐसे में उन्हें अध्यक्ष बनाए जाने पर राजपूतों को खुश करने के चक्कर में दूसरी जातियां नाराज हो जाएंगीं.

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अध्यक्ष पद से इस्तीफा देकर घर बैठे वसुंधरा राजे के करीबी अशोक परनामी इस बात को मानने के लिए तैयार नहीं हैं कि उनको उनकी नाकामियों की वजह से हटाया गया है. बल्कि वो यह कह रहे हैं कि पारिवारिक जिम्मेदारियों की वजह से मैंने यह पद छोड़ा है. साथ ही यह भी कह रहे हैं कि बीजेपी में कोई झगड़ा नहीं है, राष्ट्रीय अध्यक्ष अभी बैंगलोर में हैं. उनके आने के बाद फैसला हो जाएगा.

हालांकि, यह भी सच है कि जब अशोक परनामी प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाए गए तब भी राष्ट्रीय अध्यक्ष दिल्ली में नहीं थे. इधर, बीजेपी के घर के झगड़े को लेकर कांग्रेस मजे ले रही है. परिस्थिति को लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं, लेकिन बीजेपी इसमें जितना देरी कर रही है उतना ही केंद्रीय नेतृत्व और मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के बीच खटास होने की बातें फैल रही हैं.

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