
बिहार के शिवहर जिले के जिलाधिकारी राजकुमार ने अपने पद की गरिमा और मान-मर्यादा को ताक पर रख दिया. उनके एक कार्यक्रम के दौरान एक जाति विशेष को संबोधित करते हुए कुछ ऐसी बातें सुनी गईं जो अबतक नेताओं से सुनी जाती रही हैं.
जेडीयू और बीजेपी ने दी कड़ी प्रतिक्रिया
जेडीयू ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है. पार्टी के प्रवक्ता नीरज कुमार ने मुख्य सचिव से इस पर संज्ञान लेने और तथ्यों की जांच करने की अपील की है. उधर बीजेपी ने भी डीएम के इस बर्ताव की कड़ी निंदा की.
'जात से बढ़कर कुछ नहीं'
शिवहर के डीएम राजकुमार ने शनिवार को सीतामढ़ी में कानू समाज के एक जातीय कार्यक्रम में न सिर्फ हिस्सा लिया, बल्कि उसे संबोधित कर कहा कि, जाति से बढ़ कर कुछ भी नही होता है. जिस राज्य के मुख्यमंत्री जात-पात तोड़ने की बात करते हैं. उस राज्य का डीएम अगर इस तरह की बात करता है, तो ये एक चिन्ताजनक बात है. यहीं नहीं डीएम साहब ने कहा कि कानू समाज की जितनी आबादी बिहार में है, उस हिसाब से विधानसभा में प्रतिनिधित्व नहीं है. इतना ही नहीं डीएम साहब ने एक कदम और आगे बढ़ाते हुए कहा कि अगर अपनी जाति के व्यक्ति से दुश्मनी भी हो, तब भी वोट उसे ही देना चाहिए. बिहार के 243 विधानसभा में सिर्फ तीन कानू विधायक होने से वो दुखी थे. उन्होंने विधानसभा के अलावे जिला परिषद, मुखिया, नगर परिषद में भी कानू जाति के लोगों को बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेने की अपील की. साथ ही उन्होंने स्वाजातीय छात्रों की मदद के लिए एक कोष बनाने की भी वकालत की है.