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सांप्रदायिक तनाव पैदा करने वालों के बहकावे में न आएं: नीतीश कुमार

मुख्यमंत्री ने कहा कि लोग उत्तेजना फैलाने, भड़काने की कोशिश करेंगे, लेकिन आप किसी के बहकावे में न आएं. पिछले 12 वर्षों से जिस तरह से बिहार में शांति, प्रेम और सद्भाव का माहौल कायम है, उसे हर हाल में बरकरार रखना होगा.

बिहार दिवस का आयोजन बिहार दिवस का आयोजन
वरुण शैलेश/सुजीत झा
  • पटना,
  • 23 मार्च 2018,
  • अपडेटेड 12:44 AM IST

बिहार दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को चैत्र नवरात्री की शुभकामना तो दी ही, साथ ही उन्होंने लोगों से रामनवमी के मौके पर शांति एवं सद्भाव का माहौल कायम रखने की अपील भी की.

मुख्यमंत्री ने कहा कि लोग उत्तेजना फैलाने, भड़काने की कोशिश करेंगे, लेकिन आप किसी के बहकावे में न आएं. पिछले 12 वर्षों से जिस तरह से बिहार में शांति, प्रेम और सद्भाव का माहौल कायम है, उसे हर हाल में बरकरार रखना होगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार की बागडोर संभालने के बाद 12 वर्षों में बिहार में छोटे-मोटे झगड़े हुए. मगर कोई भी साम्प्रदायिक दंगा में तब्दील नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि इस बार मोहर्रम और दशहरा एक साथ हुआ और बहुत ही शांति और उल्लास के साथ लोगों ने इसे मनाया. सीएम ने प्रेम और सद्भाव के माहौल को हर हाल में बनाए रखने की अपील की.   

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22 से 24 मार्च तक पटना के गांधी मैदान में चलने वाले बिहार दिवस समारोह का उद्घाटन दीप प्रज्ज्वलन कर उपराष्ट्रपति एम. वैंकेया नायडू, बिहार के राज्यपाल सत्यपाल मलिक, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने संयुक्त रूप से किया. इस बार बिहार दिवस समारोह के साथ ही महात्मा गांधी के चंपारण सत्याग्रह शताब्दी वर्ष का समापन समारोह भी मनाया जा रहा है.

उपराष्ट्रपति ने इस अवसर पर नीतीश कुमार की जमकर प्रशंसा की और कहा कि उन्होंने राजनीति की परिभाषा बदल दी है. नायडू ने कहा कि जब तक बिहार का विकास नहीं होगा तब तक देश का विकास नहीं हो सकता है.

बिहार दिवस का आयोजन 2010 से हो रहा है. 2012 में बिहार का शताब्दी वर्ष भी मनाया गया गया था. इस अवसर पर उपराष्ट्रपति ने कथावाचन से संबंधित 4 पुस्तकों का विमोचन भी किया जिसमें गांधी जी के विचारों एवं संदेशों को संकलित किया गया है.

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विपक्ष पर तंज

मुख्यमंत्री ने आरक्षण को लेकर उठ रहे सवाल पर तंज कसा. नीतीश कुमार ने कहा कि कुछ लोग आरक्षण का सवाल उठा रहे हैं, लेकिन जब वे सत्ता में थे तब उन्होंने 2001 में हुए स्थानीय निकायों के चुनावों में आरक्षण नहीं दिया था. हमने दलित, महादलित, अल्पसंख्यक, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, स्त्री-पुरुष सबका ख्याल रखा. सबको अधिकार सम्पन्न बनाया.

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