
आंखों की सुंदरता को बढ़ाने के लिए आईलाइनर का इस्तेमाल खूब किया जाता है. आंखों का आकार कोई भी हो अगर आईलाइनर सही तरीके से लगा हो तो आंखों खूबसूरती देखते ही बनती है. लेकिन क्या आप जानती हैं कि गलत तरीके से आईलाइनर लगाने से न सिर्फ मेकअप खराब होता है, बल्कि आपकी आंखों को काफी नुकसान पंहुचा सकता है.
नेत्र रोग का होता है खतरा
आई एंड कांटेक्ट लेंस जर्नल में प्रकाशित एक नए शोध के अनुसार यदि लैश लाइन की रेखा के भीतर आईलाइनर लगाया जाए तो ये नजर को धुंधला कर सकता है और इससे नेत्र रोग पैदा होने का खतरा भी बन रहता है.
यह इस तरह का पहला अध्ययन है जो ये बताता है कि पेंसिल आइलाइनर लगाते वक्त इसके कण आंखों में चले जाते हैं.
शोध में हुई वीडियों रिकॉर्डिंग की मदद
शोधकर्ताओं ने इस अध्ययन को करने के लिए वीडियो रिकॉर्डिंग की मदद ली. पहले तो उन्होंने कई प्रकार से मेकअप किया और फिर तुलना करके देखा कि आईलाइनर के कण कितनी मात्रा में आंखों की आंसुओं वाली झिल्ली पर पहुंचते हैं. दरअसल अश्रु झिल्ली आंखों पर एक पतली परत के रूप में मौजूद होती है जो आंखों की रक्षा करती है.
पांच मिनट के अंदर ही करता है प्रभावित
इस अध्ययन में हर प्रतिभागी ने पहले पलकों के बाहर की तरफ चमकने वाले (ग्लिटर) आईलाइनर को लगाया और फिर बाद में आंख से ज्यादा नजदीक रहने वाली पलकों की अंदरूनी ओर इसे लगाया. विजन वैज्ञानिकों ने पाया कि आंखों के भीतर की ओर आईलाइनर लगाने पर पांच मिनट के अंदर ही 15 से 30 प्रतिशत ज्यादा कण आंखों की अश्रु झिल्ली पर पहुंच गए. गौरतलब है कि यह शोध आई एंव कांटैक्ट लैंस साइंस एंड क्लीनिकल प्रैक्टिस जर्नल में प्रकाशित हुआ.