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एक रहस्यमयी बीमारी के चलते 16 साल की शोभा के लिए उम्मीद शब्द धीरे-धीरे धूमिल होता जा रहा था. उसे खाने और सांस लेने में बहुत ज्यादा दिक्कत हो रही थी, लेकिन इसकी वजह नहीं पता चल पा रही थी. लेकिन हाल ही में इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल के डॉक्टरों ने उसे इस बीमारी से निजात दिला दी.
शोभा के पिता चट्टू प्रसाद गरीबी रेखा से नीचे आते हैं इसलिए वह चाहकर भी अपनी बेटी का इलाज निजी अस्पताल में नहीं करा सकते थे. वह जिन डॉक्टरों को दिखा रहे थे उनके मुताबिक शोभा को दमा की बीमारी थी, लेकिन शोभा की हालत लगातार बिगड़ रही थी.
एक दिन हालत ज्यादा बिगड़ गई तो उसे निजी अस्पताल ले जाया गया. इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल में श्वसन तंत्र विभाग के डॉक्टर दीपक रोशा ने पाया कि शोभा की आहार नली और सांस की नली के बीच छोटा सा छेद उसकी बीमारी की वजह से हो सकता है.
उन्होंने कहा, जब हमने उसकी (शोभा) जांच की तो देखा कि उसका बायां फेफड़ा काफी ज्यादा क्षतिग्रस्त है. यह दमा के आम मामलों में नहीं होता. फिर जांच के बाद पता चला कि उसकी आहार नली और श्वसन नलिका को एक सूक्ष्म छिद्र आपस में जोड़ रहा है. इसकी वजह उसके फेफड़ों में पेट से रिस-रिसकर एसिड जमा हो गया था. इसके बाद शोभा की सर्जरी की गई और कुछ ही दिन में उसे अस्पताल से छुट्टी मिल गई. शोभा अब आसानी से खा सकती है. वह हाल ही में दसवीं क्लास में आई है.