
घरेलू कामगारों के अच्छे दिन आने वाले हैं. केंद्र सरकार इन्हें न्यूतनम वेतन और कानूनी स्थिति मुहैया कराने के लिए राष्ट्रीय नीति तैयार कर रही है. इसका फायदा भारत के 47.5 लाख घरेलू कामगारों को मिलेगा. इसमें 30 लाख महिलाएं कामगार शामिल हैं.
तैयार है राष्ट्रीय नीति
श्रम और रोजगार मंत्रालय ने घरेलू कामगारों के लिए एक नई राष्ट्रीय नीति तैयार की है. इसे लागू करने से पहले मंत्रालय नीति पर आम लोगों से सुझाव मांग रहा है. मंत्रालय की तरफ से जारी एक नोटिस में कहा गया है कि इस नीति का मकसद घरेलू श्रमिकों को उनके अधिकार प्रदान करना है. इस नीति में घरेलू कामगारों के अधिकारों को लेकर कानून, नीतियों और योजनाओं के दायरे को विस्तार देना है. इसके जरिये इन लोगों को भी कानून के उस दायरे में शामिल किया जाएगा, जिसमें फिलहाल अन्य श्रमिक आते हैं.
बनाया जाएगा एक मैकेनिज्म
मंत्रालय ने कहा है कि घरेलू कामगारों की खातिर एक संस्थागत तंत्र स्थापित किया जाएगा. यह तंत्र इन्हें सामाजिक सुरक्षा कवर, रोजगार के मौके, शिकायत निवारण और विवादों का हल निकालने में मदद करेगा. इसके साथ ही इस नीति के जरिये घर में काम करने वालों को किसी भी तरह के उत्पीड़न से बचाने के लिए भी कोशिश की जाएगी. इस खातिर सभी प्लेसमेंट एजेंसियों को रेग्युलेट करने पर ध्यान होगा.
वन टाइम फीस को लेकर भी होगा फैसला
प्लेसमेंट एजेंसियों की तरफ से ली जाने वाली वन टाइम फीस और तनख्वाह में से हिस्सेदारी को लेकर भी नियम तैयार किए जाएंगे. नीति के जरिये सरकार एजेसियों को सिर्फ एक बार फीस लेने के लिए कह सकती है. इसके अलावा घर में काम करने वालों को समाजिक सुरक्षा कवर समेत मेडिकल व स्वास्थ्य बीमा की सुविधा देने पर विचार कर रही है.
मिलेंगे कानूनी अधिकार
यह नीति अगर लागू हो जाती है, तो घरेलू कामगारों को भी कानूनी दर्जा मिल जाएगा. उन्हें भी अन्य श्रमिकों की तरह कानूनी अधिकार मिलेंगे. प्लेसमेंट एजेसियों समेत कामगारों के लिए सरकार नियम तय करेगी. फिलहाल श्रम और रोजगार मंत्रालय ने इस प्रस्ताव को अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित किया है. फिलहाल इस पर सुझाव मांगे जा रहे हैं.