
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ महाभियोग की औपचारिक प्रक्रिया शुरू हो गई है. इस बीच व्हाइट हाउस ने ट्रंप का बचाव किया है. व्हाइट हाउस का कहना है कि पूर्व उपराष्ट्रपति जो बाइडेन के खिलाफ यूक्रेन में जांच शुरू किए जाने को लेकर कुछ भी अनुचित नहीं दिखता है.
दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ एक गोपनीय शिकायत में दावा किया गया है कि ट्रंप ने अमेरिका में अगले साल होने वाले चुनाव को प्रभावित करने के लिए किसी दूसरे देश से हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया है. शिकायतकर्ता का कहना है कि व्हाइट हाउस ने इस सूचना को छुपाने की कोशिश की.
वहीं व्हाइट हाउस ने ट्रंप का बचाव करते हुए कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप के जरिए पूर्व उपराष्ट्रपति जो बाइडेन के खिलाफ यूक्रेन में जांच शुरू किए जाने को लेकर कुछ भी अनुचित नहीं दिखता. व्हाइट हाउस प्रेस सचिव स्टेफनी ग्रिशम का कहना है कि शिकायत घटनाओं का परोक्ष संग्रह और प्रेस क्लिपिंग को आपस में गूथने के अलावा कुछ नहीं है.
क्या है मामला?
दरअसल, एक व्हिसलब्लोअर ने ट्रंप पर गंभीर आरोप लगाए हैं. दावा है कि व्हाइट हाउस के अधिकारियों ने ट्रंप और यूक्रेन के नेता के बीच फोन कॉल के ट्रांसक्रिप्ट बैन करने की मांग की है, जिसमें ट्रंप ने 2020 के चुनाव में प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ यूक्रेन से मदद मांगी है.
ट्रंप पर आरोप है कि उन्होंने अपने डेमोक्रेटिक प्रतिद्वंद्वी जो बाईडन और उनके बेटे के खिलाफ भ्रष्टाचार की जांच शुरू करने के लिए यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादिमीर जेलेंस्की पर दबाव बनाया है. हालांकि डोनाल्ड ट्रंप ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है. वहीं व्हाइट हाउस ने उस फोन कॉल की एक रफ ट्रांसक्रिप्ट जारी की है.
बता दें कि पूर्व उपराष्ट्रपति जो बाईडन 2020 में अमेरिका में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में ट्रंप को टक्कर दे सकते हैं. वहीं दूसरी तरफ ट्रंप के खिलाफ महाभियोग की प्रक्रिया निचले सदन में पूरी हो जाती है तब भी रिपब्लिकन के बहुमत वाले सीनेट से पास होना मुश्किल है. डोनाल्ड ट्रंप को अमेरिकी राष्ट्रपति के पद से हटाने के लिए 20 रिपब्लिकन सांसदों की जरूरत होगी, जो अपने राष्ट्रपति का ही विद्रोह करें.