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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जब से पद संभाला है तभी से पाकिस्तान के प्रति उनका रुख कड़ा ही रहा है. फिर चाहे आतंकवाद को लेकर लगातार फटकार लगाना हो या फिर 255 मिलियन डॉलर की सैन्य मदद को रोक देना. अब ट्रंप प्रशासन ने अपना बजट पेश किया है, उसमें पाकिस्तान के लिए सैन्य मदद का बजट भी आवंटित किया गया है. लेकिन इसके लिए कई तरह की शर्तें लगाई गई हैं.
डोनाल्ड ट्रंप ने एक अक्टूबर से शुरू होने वाले वित्त वर्ष 2019 के लिए 40 खरब डॉलर का वार्षिक बजट पेश किया. बजट में पाकिस्तान के लिए 25.6 करोड़ डॉलर की असैन्य मदद एवं आठ करोड़ डॉलर की सैन्य मदद का प्रस्ताव दिया गया है. साफ है ट्रंप प्रशासन ये मदद पाकिस्तान को तब तक नहीं देगा, जब तक कि पाकिस्तान आतंकवाद के प्रति कड़ा रुख नहीं अपनाता है.
पाकिस्तान को मदद के प्रस्ताव से कुछ हफ्ते पहले ट्रम्प प्रशासन ने अपनी जमीं से काम कर रहे आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई ना करने के लिए पाकिस्तान को मिलने वाली करीब दो अरब डॉलर की सुरक्षा सहायता पर रोक लगा दी थी. व्हाइट हाउस ने कहा था कि आतंकी समूहों के खिलाफ कार्रवाई करने पर वह रोक हटाने पर विचार करेगा.
अमेरिका और भारत के दबाव में आकर पाकिस्तान आतंकवादियों के खिलाफ कड़े एक्शन लेने को मजबूर हो गया है. पाकिस्तान ने एक फैसला किया है जिससे मोस्ट वांटेड आतंकी हाफिज़ सईद की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. पाकिस्तान के राष्ट्रपति ममनून हुसैन ने एक ऐसे अध्यादेश पर हस्ताक्षर किए हैं जिसका उद्देश्य संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) द्वारा प्रतिबंधित व्यक्तियों और लश्कर-ए-तैयबा, अल-कायदा तथा तालिबान जैसे संगठनों पर लगाम लगाना है.
लगाई थी खूब फटकार
डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान पर अमेरिका को 'झूठ और धोखे' के सिवाए कुछ न देने की बात कही थी. साथ ही ट्वीट में लिखा था कि पिछले 15 सालों में 33 अरब डॉलर की सहायता देने के बदले में पाकिस्तान ने आतंकवादियों को 'पनाह' देने का काम किया है. ट्रंप के इस ट्वीट के बाद ही अमेरिका का एक्शन सामने आ गया और फंड पर रोक लगा दी गई थी.