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पेरिस जलवायु परिवर्तन के नए समझौते पर वापसी कर सकते हैं ट्रंप

ट्रंप ने ब्रिटेन के आईटवी चैनल से साक्षात्कार में सांकेतिक तौर पर कहा कि अगर वे अच्छा समझौता करें, तो इसमें वापस आने की हमेशा संभावना है.

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (फाइल) अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (फाइल)
केशवानंद धर दुबे
  • लंदन,
  • 28 जनवरी 2018,
  • अपडेटेड 11:52 AM IST

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पेरिस जलवायु समझौते पर एक बार फिर अपना रूख बदल सकते हैं. कहा जा रहा है कि अगर समझौते में भारी फेरबदल किया जाए तो अमेरिका के राष्ट्रपति भी उस पर हस्ताक्षर करने के लिए तैयार हो सकते हैं.

एक इंटरव्यू के दौरान दिए संकेत

ट्रंप ने ब्रिटेन के आईटीवी चैनल से साक्षात्कार में सांकेतिक तौर पर कहा कि हमारे लिए पेरिस समझौता भयानक हो सकता था. उन्होंने यह भी कहा कि अगर वे अच्छा समझौता करें... तो इसमें वापस आने की हमेशा संभावना है.

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ट्रंप ने कहा, ‘‘अगर कोई कहता है कि पेरिस समझौते को स्वीकार करो तो इसे बिल्कुल अलग समझौता होना होगा, क्योंकि हमने भयानक समझौता किया था.’’ बता दें कि यह साक्षात्कार रविवार को देर शाम प्रसारित किया जाएगा.

पिछले साल जून में हुआ था अलग

जयवायु परिवर्तन से निपटने के लिए पेरिस समझौते पर पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने हस्ताक्षर किए थे, लेकिन जून 2017 में ट्रंप ने इस समझौते से अलग होने की घोषणा कर विश्व को हैरत में डाल दिया था. ट्रंप ने इसे अमेरिकी अर्थव्यवस्था के लिए खराब समझौता करार दिया था.

क्या है समझौता?

बता दें कि पेरिस जलवायु समझौते से अमेरिका के पीछे हटने से वैश्विक तापमान को कम करने और पर्यावरण संरक्षण की कोशिश को झटका लगा था. ट्रंप के इस फैसले का मतलब था कि अमेरिका की ओर से विकासशील देशों को पर्यावरण संरक्षण के लिए फंड नहीं मिलना.

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इस समझौते से अलग होने तक अमेरिका की ओर से इस फंड में 50 करोड़ डॉलर दिया जा चुका था. इस समझौते के तहत साल 2020 से विकसित देशों की ओर से हर साल जलवायु वित्तीय सहायता के लिए 100 अरब डॉलर देने का प्रावधान किया गया था.

इसके अलावा भविष्य में इस धनराशि को बढ़ाने की प्रतिबद्धता जताई गई थी. इसके लिए यूएन ग्रीन क्लाइमेट फंड की स्थापना भी की गई थी.

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