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जब अमेरिकी छात्र को उत्तर कोरिया ने दी 15 साल की सजा

अमेरिकी छात्र ओट्टो वार्मबियर के बारे में बताया जिसे 17 महीने तक उत्तर कोरिया में कैदी बनाकर रखा गया था और रिहा होने के कुछ ही दिन बाद पिछले वर्ष अमेरिका में उसकी मौत हो गई.

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप
अभि‍षेक आनंद
  • नई दिल्ली,
  • 31 जनवरी 2018,
  • अपडेटेड 4:07 PM IST

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चेतावनी दी है कि परमाणु हथियार को लेकर उत्तर कोरिया का पागलपन अमेरिकी शहरों के लिए खतरा हो सकता है. उन्होंने जोर देकर कहा कि वह पूर्ववर्ती प्रशासनों की गलतियों को नहीं दोहराएंगे जिनके कारण अमेरिका 'खतरे की स्थिति में है.'

ट्रंप ने अपने पहले ‘स्टेट ऑफ दी यूनियन’ संबोधन में कहा कि किसी भी शासन ने अपने नागरिकों का उस तरह और उतनी बर्बरता से दमन नहीं किया जितना कि किम जोंग उन ने. ट्रंप ने संकेत दिए कि उत्तर कोरिया के हाथ परमाणु हथियार लगने से रोकने के लिए वह कदम उठाएंगे. उन्होंने कहा कि परमाणु मिसाइलों के लिए उत्तर कोरिया का बेरोक-टोक अभियान बहुत जल्द हमारे देश के लिए खतरा पैदा कर सकता है. हम अधिकतम दबाव बनाने का एक अभियान चला रहे हैं.

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उत्तर कोरिया शासन के ‘दुष्ट चरित्र’ का अपने भाषण में उल्लेख करते हुए उन्होंने उत्तर कोरिया के दो पीड़ितों की कहानी बताई. ट्रंप ने कहा, ‘अमेरिका और हमारे सहयोगियों के समक्ष परमाणु खतरे की प्रकृति को समझने के लिए हमें उत्तर कोरिया के दुष्ट चरित्र पर नजर डालने भर की जरूरत है.’ उन्होंने अमेरिकी छात्र ओट्टो वार्मबियर के बारे में बताया जिसे 17 महीने तक उत्तर कोरिया में कैदी बनाकर रखा गया था और रिहा होने के कुछ ही दिन बाद पिछले वर्ष अमेरिका में उसकी मौत हो गई.

ट्रंप ने कहा- ‘ओट्टो वर्जिनिया विश्वविद्यालय का मेहनती छात्र था. वह एशिया में पढ़ाई कर रहा था. वह उत्तर कोरिया दौरे पर गया था. दौरे के अंत में उसे गिरफ्तार कर लिया गया और राज्य के खिलाफ अपराध का आरोप लगाया गया.’ ट्रंप ने कहा कि शर्मनाक मुकदमे के बाद तानाशाह ने उसे 15 वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई. पिछले वर्ष जून में उसे अमेरिका को लौटाया गया. वह बुरी तरह घायल था और मौत की कगार पर था. लौटने के कुछ दिन बाद वह चल बसा. किया.

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