Advertisement

अफ्रीका से गधे चोरी कर रहा है चीन, ये है खास वजह

पशु अधिकार समूहों का कहना है कि गधे के खाल की कालाबाजारी करने वाले चीन में जेलिटिन की मांग को पूरा करने के लिए गधों को मारकर उनकी खाल को निकालते हैं.

प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर
अनुग्रह मिश्र
  • नैरोबी,
  • 15 जून 2018,
  • अपडेटेड 12:06 PM IST

चीन में जिलेटिन की मांग की वजह से अफ्रीकी देशों से काला बाजारी के जरिए गधों की खाल को चीन भेजा जा रहा है. इस वजह से अफ्रीका के लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है. यहां काफी संख्या में लोग कृषि कार्यों और भारी सामानों की ढुलाई के लिए गधों पर निर्भर होते हैं.

हाल ही में यहां जोसेफ कामोनजो कारियूकी के तीन गधे लापता हो गए थे और बाद में इन सभी के अवशेष बरामद हुए. केन्या से लेकर बुरकिनी फासो, मिस्र से लेकर नाइजीरिया तक के पशु अधिकार समूहों का कहना है कि गधे के खाल की कालाबाजारी करने वाले चीन में जेलिटिन की मांग को पूरा करने के लिए गधों को मारकर उनकी खाल को निकालते हैं.

Advertisement

जिलेटिन गधे की खाल से बनता है और इसका इस्तेमाल स्वास्थ्य क्षेत्र में होता है. पशु अधिकार कार्यकर्ताओं का कहना है कि चीन में गधों की संख्या में कमी आने से अब इसकी आपूर्ति अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अमेरिका से हो रही है.

अफ्रीका के 14 देशों की सरकारों ने गधे की खाल के निर्यात पर रोक लगा दी है. बावजूद इसके गधों की संख्या में लगातार कमी आ रही है. केन्या में बीते 9 साल में गधों की संख्या 18 लाख से घटकर 12 लाख रह गई है. माना जा रहा है कि अगर इसी गति को गंधों को मारा जाता रहा तो जल्द ही यह प्रजाति विलुप्ति के कगार पर पहुंच सकती है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement