
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के आरक्षण व्यवस्था पर पुनर्विचार के सुझाव से पनपे विवाद के बीच बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने आज कहा कि उनकी पार्टी वर्तमान आरक्षण व्यवस्था में विश्वास रखती है और उसपर पुनर्विचार की आवश्यकता नहीं है. शाह का बयान ऐसे समय में आया है जब जल्द ही बिहार विधानसभा के चुनाव होने हैं.
उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी का मत है कि जो आर्थिक तौर पर पिछड़े हैं उन पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए.
बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने बिहार विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नीत धर्मनिरपेक्ष महागठबंधन की वोटों में सेंधमारी के लिए समाजवादी पार्टी, पप्पू यादव की जन अधिकार पार्टी और असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम के चुनावी मैदान में उतरने पर उन्हें भाजपा की बी टीम होने के आरोप से इंकार करते हुए कहा कि ये सभी दल बीजेपी के कट्टर विरोधी हैं.
उन्होंने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल कुमार के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नीत केंद्र की राजग सरकार को ‘सूट-बूट वाली सरकार’ होने का आरोप लगाए जाने के बारे में कहा कि उन्होंने स्वयं भी हाल में सूट-बूट पहनना छोड़ा है.
शाह ने राहुल के राजग सरकार पर अपने भूमिअधिग्रहण बिल के जरिए किसानों की जमीन हड़पने के आरोप के बारे में कहा कि वे चुनौती देते हैं कि कांग्रेस ने ब्रिटिश काल के कानून के तहत अपने 68 साल के शासनकाल के दौरान किसानों की जितनी जमीन हड़पी उतनी अगले 150 सालों में नहीं की जा सकती.
उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर बिहार को मिले 1.25 लाख करोड़ रुपये के विशेष पैकेज को लेकर केंद्र को धन्यवाद देने के बजाए बिहार को विशेष दर्जा की बात कर जनता के बीच भ्रम पैदा करने का आरोप लगाते हुए कहा कि विशेष दर्जा पाने वाले किसी भी प्रदेश को दस हजार करोड़ रूपये से अधिक का विशेष आर्थिक पैकेज नहीं दिया गया पर बिहार को 1.25 लाख करोड़ रुपये का विशेष पैकेज मिला.
-इनपुट भाषा