
अगर आप भी टॉइलेट पेपर का इस्तेमाल करते हैं तो सावधान हो जाने की जरूरत है. टॉयलेट पेपर का इस्तेमाल करने से आपको स्वास्थ्य संबंधी कई बीमारियां हो सकती हैं.
जापान, इटली और ग्रीस जैसे देशों में लोग शौच में पानी (बीडे) का इस्तेमाल करते हैं जबकि ब्रिटेन, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया जैसे देश टॉयलेट पेपर का इस्तेमाल करते हैं.
लेकिन अब डॉक्टर्स इसके गंभीर परिणामों के प्रति आगाह कर रहे हैं. एक्सपर्ट के मुताबिक, टॉयलेट पेपर के इस्तेमाल से आप पूरी तरह साफ नहीं हो पाते हैं. टॉयलेट पेपर के ज्यादा इस्तेमाल से यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन्स (UTI) और एनल फिशर जैसी बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता है.
एक्सपर्ट रोस जॉर्ज कहते हैं, मुझे यह बहुत ही परेशान करता है कि लोग गंदगी के साथ इधर-उधर घूम रहे हैं जबकि उन्हें लगता है कि वे बिल्कुल साफ हैं. टॉयलेट पेपर से पॉटी इधर-उधर फैल जाती है जबकि यह पूरी तरह से गंदगी साफ नहीं करता है.
भले ही आपको यह अजीब लगे लेकिन जॉर्ज अकेले नहीं है. कई सेलिब्रिटी तक केवल टॉयलेट पेपर की जगह वेट वाइप्स का इस्तेमाल कर रहे हैं.
इसे एक उदाहरण से समझिए. कुछ चॉकलेट लीजिए और इसे फर्श पर फैला दीजिए और फिर इसे सूखे टॉवेल से साफ करने की कोशिश करिए. चॉकलेट टुकड़ों में नजर आएगी.
केवल सफाई ही नहीं बल्कि टॉयलेट पेपर के अन्य विकल्पों पर सोचने की और भी वजहें हैं. टॉयलेट पेपर ज्यादा रगड़ने से दर्दनाक एनल फिशर भी हो सकता है. इस बीमारी से उबरने में आफको 8 से 12 हफ्ते लग जाते हैं. इसके अलावा यूटीआई होने का भी खतरा होता है.
अगर लोग पीछे से आगे की तरफ टॉयलेट पेपर रगड़ते हैं तो इससे बैक्टीरिया एनस से शरीर के आगे के हिस्से तक पहुंच जाते हैं.
पानी के इस्तेमाल से या फिर वेट वाइप्स से बैक्टीरिया खत्म हो जाते हैं. इससे इन्फेक्शन होने की संभावना भी कम हो जाती है.