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डॉ. अम्बेडकर की प्रतिमा को पहले कौन पहनाए माला! भि‍ड़ गए बीजेपी कार्यकर्ता और दलित

डॉ. अम्बेडकर की 126वीं जयंती के अवसर पर गुजरात के वडोदरा में दलित युवाओं और बीजेपी कार्यकर्ताओं के बीच जमकर हाथापाई हुई.

माला पहनाने की लड़ाई माला पहनाने की लड़ाई
गोपी घांघर
  • नई दिल्ली,
  • 14 अप्रैल 2017,
  • अपडेटेड 12:20 PM IST

डॉ. अम्बेडकर की 126वीं जयंती के अवसर पर गुजरात के वडोदरा में दलित युवाओं और बीजेपी कार्यकर्ताओं के बीच जमकर हाथापाई हुई. दरअसल शुक्रवार को अम्बेडकर जयंती के मौके पर जिस जगह वडोदरा में बीजेपी के मेयर पुष्पांजलि करने जाने वाले थे, वहीं दलित युवा संकल्प भूमि की जगह देने की मांग करते हुए पहुंच गए.

इसमें से एक युवा ने बाबा साहब अम्बेडकर की प्रतिमा को पुष्पांजलि करनी चाही, लेकिन उसे पहले तो पुलिस ने रोका, इसके बाद वह किसी तरह अम्बेडकर की प्रतिमा के पास पहुंच गया और हार पहनाया. इससे वहीं खड़े बीजेपी कार्यकर्ता नाराज हो गए और उनके साथ दलित युवाओं की हाथापाई हो गई. वहां मौजूद पुलिस कर्मियों ने इसे रोका और पुष्पांजलि करने वाले दलित युवा को पकड़ कर ले गई. इससे इलाके में थोड़े समय के लिए तनाव भी पैदा हो गया.

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गौरतलब है कि आज देश भर में बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडर की 126वीं जयंती मनाई जा रही है. पूरा देश जब संविधान निर्माता को श्रद्धांजलि दे रहा है, ऐसे में इस तरह की घटनाएं शर्मसार करती हैं. असल में तमाम राजनीतिक दलों में डॉ. अम्बेडकर के नाम को भुनाने की भी होड़ लगी हुई है. उनकी विरासत को हथियाने की यह होड़ कभी-कभी ऐसे शर्मनाक वाकये में बदल जाती है.

आज बाबा साहेब जयंती के मौके पर पीएम मोदी भी नागपुर पहुंचे और दीक्षाभूमि में उन्होंने बाबा साहेब को श्रद्धांजलि दी. दीक्षाभूमि ही वह जगह है जहां बाबा साहेब ने 14 अक्टूबर 1956 को अपने हजारों समर्थकों के साथ बौद्ध धर्म स्वीकार किया था.

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